रायपुर: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में चावल वितरण में घोटाले पर सदन में बुधवार को जोरदार हंगामा हुआ। पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने चावल वितरण में 5127 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। विपक्ष के विधायक सवाल पूछते रहे तो खाद्य मंत्री ने अंग्रेजी में जवाब पढ़ना शुरू किया। इस पर स्पीकर डॉ. चरणदास महंत को कहना पड़ा कि वे सरल भाषा में जवाब दें। स्पीकर बार-बार आसंदी पर खड़े होकर निर्देश देते रहे। इसके बाद भी हंगामा जारी रहा। विपक्ष के सदस्यों का आरोप था कि मंत्री गोलमोल जवाब दे रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, बृजमोहन अग्रवाल और शिवरतन शर्मा ने कहा कि यह पांच हजार करोड़ के घोटाले का मामला है। इसमें जांच होनी चाहिए। हालांकि सत्ता पक्ष के जवाब से विधायक संतुष्ट नहीं हुए और नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में पहुंच गए। प्रश्नकाल के दौरान पूरे समय भाजपा के सभी सदस्य नारे लगाते रहे। शोर शराबे के कारण विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
वरिष्ठ विधायक कौशिक ने खाद्य मंत्री से सवाल किया कि मार्च 2020 से नवंबर 2022 तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा कितना निशुल्क चावल वितरण करने की अनुमति प्राप्त हुई है। उसमें कितनी मात्रा का वितरण किया गया है और कितनी मात्रा शेष है। खाद्य मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 27.10 लाख टन चावल का आबंटन प्राप्त हुआ। हितग्राहियों द्वारा 26.40 लाख टन चावल के उठाव के बाद 0.70 लाख टन चावल बचा है। कौशिक ने पूछा कि प्राथमिकता राशन कार्ड में 1, 2, 3, 4 और 5 यूनिट वाले कार्डधारियों को क्रमश: केंद्रीय व राज्य पूल से कितना कितना चावल दिए जाने की मासिक पात्रता थी। पात्रता के अनुसार चावल लिए जाने पर कितनी राशि हितग्राहियों से ली जाती थी?
मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 के अंतर्गत प्रदेश में प्राथमिकता राशन कार्डधारियों को वितरण के लिए केंद्रीय पूल और राज्य पूल के लिए चावल की अलग-अलग पात्रता का निर्धारण नहीं किया गया है। मंत्री ने बताया कि प्राथमिकता राशन कार्ड में एक सदस्य वाले कार्ड पर 10 किलो, दो सदस्य वाले कार्ड पर 20 किलो, तीन से पांच सदस्य वाले कार्ड पर 35 किलो चावल की मासिक पात्रता और एक रुपए दर निर्धारित है। प्राथमिकता श्रेणी के राशन कार्डधारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत निशुल्क चावल दिया गया।
कौशिक ने कहा कि चावल वितरण में घोटाला हुआ है। मुंगेली में 231 करोड़ का घोटाला हुआ है। इसमें सहायक खाद्य अधिकारी को निलंबित किया गया। फर्जी आधार कार्ड के जरिए रायपुर में 7200 क्विंटल चावल जो तीन करोड़ का होता है, का घोटाला किया गया। मंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण का सवाल कर पीडीएस की बात कर रहे हैं। प्रश्न उद्भुत नहीं होता। कौशिक ने कहा कि प्रश्न उद्भुत होता है। कौशिक ने पूछा कि दो दुकानों के सत्यापन में क्या मिला? मंत्री ने इसका जवाब नहीं दिया। इसे बाद विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।