नई दिल्ली: एक पिता के लिए इससे बड़ी खुशी क्या होगी कि उसके बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो जाए। सचिन तेंदुलकर इस वक्त ऐसे ही पिता की भूमिका में हैं। बेटे अर्जुन ने अपने पहले ही रणजी मैच में शतक ठोका है। गोवा की ओर से राजस्थान के खिलाफ खेली गई 112 रन की शतकीय पारी से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। सारा तेंदुलकर ने भी इंस्टाग्राम पर अपने भाई की तारीफ की। अब सचिन की पहली प्रतिक्रिया आई है। सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में शुमार सचिन भी बेटे की इस सफलता से गदगद हैं। एक इवेंट में उन्होंने अपने दिल की बात कही है।
उसका बचपन आसान नहीं रहा
सचिन तेंदुलकर स्टेज पर मशहूर स्पोर्ट्स एंकर गौरव कपूर से बात कर रहे थे। सचिन की माने तो एक मशहूर क्रिकेटर की संतान होने के नाते अर्जुन का बचपन आसान नहीं रहा। साथ ही साथ उन्होंने लोगों से अनुचित दबाव न डालने का भी अनुरोध किया है। वीडियो में सचिन कहते सुनाई दे रहे हैं, ‘अर्जुन का बचपन सामान्य नहीं रहा है। यही कारण है कि जब मैं रिटायर हो रहा था तब मुंबई में मीडिया से साफ-साफ कहा था कि उसे क्रिकेट से मोहब्बत करने दो। उस पर दबाव मत डालो क्योंकि मेरे माता-पिता ने मुझ पर कभी दबाव नहीं डाला।’
बेटे से पिता की पहचान बने
सचिन ने अपने पिता रमेश तेंदुलकर के साथ भावनात्मक क्षण को भी याद किया और कहा, ‘मुझे याद है कि जब मैंने भारत के लिए खेलना शुरू किया था तब मेरे पिता से किसी ने पूछा था कि जब आपको कोई सचिन का पिता कहता है तो कैसा महसूस होता है। यह मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है। पिता यही चाहते हैं कि उनके बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो जाए, आपके बच्चे ने जो किया है उसके लिए उसे पहचाना जाए। मेरे माता-पिता ने मुझे बाहर जाने और खुद को अभिव्यक्त करने की आजादी दी। तब अपेक्षाओं का कोई दबाव नहीं था। यह केवल प्रोत्साहन और समर्थन था।
पापा के रिकॉर्ड की बराबरी
इस शतक के साथ अर्जुन ने सचिन तेंदुलकर के उस रिकॉर्ड की बराबरी कर ली, जिसमें उन्होंने अपने पहले ही रणजी मैच में शतक बनाया था। इसे संयोग कहिए या इत्तेफाक कि तेंदुलकर परिवार के दोनों क्रिकेटर्स ने दिसंबर में ही सेंचुरी ठोकी थी। सचिन ने गुजरात के खिलाफ दिसंबर 1988 में नाबाद 100 रन बनाए थे। फर्क सिर्फ इतना है कि उस समय सचिन सिर्फ 15 साल के थे, लेकिन अभी अर्जुन की उम्र 23 साल है।