रमेश गुप्ता
भिलाई। डीलर ने बड़ी रकम लेने के बाद मॉड्यूलर किचन का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया, इसे ग्राहक के प्रति व्यवसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नतापूर्ण आचरण करार देते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने किचन स्टूडियो के प्रोपराइटर ऋषिराज रंगलानी पर रु. 26000 हर्जाना लगाया।
ग्राहक की शिकायत
सेक्टर 6 भिलाई निवासी असगर अली ने अपने जुनवानी भिलाई स्थित चौहान ग्रीन वैली के फ्लैट में मॉड्यूलर किचन बनवाने हेतु अनावेदक डीलर से 2 लाख रुपये में सौदा किया, अनावेदक ने ग्राहक को मॉड्यूलर किचन का फोटो एवं ड्राइंग भेजा और उच्च स्तर का मॉड्यूलर किचन बनाने का वादा करते हुए अग्रिम राशि लेने के बाद 40 दिन में कार्य पूर्ण करने की बात कही थी, जिसके बाद परिवादी ने अनावेदक डीलर को 167359 रुपये भुगतान कर दिया, शर्त के अनुसार दिनांक 20 जुलाई 2017 तक निर्माण कार्य पूर्ण करना था परंतु अनावेदक डीलर ने तय समय में काम पूरा नहीं किया, जिसके कारण परिवादी को किराये के मकान में रहते हुए 15000 रुपये मासिक किराया अदा करना पड़ा। अनावेदक डीलर द्वारा जितना कार्य किया गया था वो भी निम्न स्तर का था।
अनावेदक का तर्क
अनावेदक डीलर ने प्रकरण में बचाव लेते हुए कहा कि परिवादी ने अनुबंध के अनुसार राशि अदा नहीं की फिर भी अनावेदक ने परिवादी के किचन में समस्त सामान फिट कर दिया है और फाइनल एलाइनमेंट बचा हुआ है।
फोरम का फैसला
दोनों पक्षों द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों और प्रमाणों के आधार पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने प्रकरण का विचारण करने पर यह प्रमाणित पाया कि अनावेदक डीलर ने परिवादी के मॉड्यूलर किचन का कार्य पूर्ण नहीं किया है और उसे कार्य पूर्ण होने संबंधी झूठा ई-मेल किया। परिवादी की ओर से पेश की गई एक्सपर्ट रिपोर्ट और फोटोग्राफ्स से भी इस बात की पुष्टि हुई कि मॉड्यूलर किचन का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। फोरम ने कहा कि अनावेदक ने 85 प्रतिशत राशि प्राप्त करने के बाद भी काम पूरा नहीं किया, जो कि स्पष्ट रूप से व्यवसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नता की श्रेणी में आने वाला कृत्य है।
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने आदेशित किया कि अनावेदक डीलर परिवादी के किचन में अधूरे छोड़े गए निर्माण कार्य को पूरा करेगा तत्पश्चात परिवादी उसे शेष बची राशि भुगतान करेगा तथा अनावेदक किचन स्टूडियो के प्रोपराइटर ऋषिराज रंगलानी पर 26 हजार रुपये हर्जाना लगाया, जिसके तहत मानसिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति स्वरूप 25 हजार रुपये एवं वाद व्यय के रूप में 1 हजार रुपये देना होगा।