रायपुर: छत्तीसगढ़ में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly elections 2023) से पहले सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा और कांग्रेस ने अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है। बीजेपी पूर्ण शराबबंदी (complete prohibition) के मुद्दे पर भूपेश बघेल सरकार को घेरने की योजना बना रही है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी को लेकर हेल्थ मिनिस्टर टीएस सिंहदेव (ts singhdeo) ने कहा था कि इसे लागू करना कठिन है। सिंहदेव के बयान के बाद भाजपा अब सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग कर रही है। बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी का जिक्र किया था। लेकिन सिंहदेव के बयान ने साफ कर दिया है कि राज्य में शराब बंदी नहीं की जाएगी।
क्या कहा था टीएस सिंहदेव ने
छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी नहीं हो सकती है। राज्य के केवल 61 विकासखंडों में शराबबंदी की जाएगी। पूरे प्रदेश में इसे लागू करना कठिन है। उन्होंने साफ किया था कि राज्य के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में शराबबंदी नहीं की जाएगी। भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा था कि जिन लोगों ने शराब बेचने की नीति बनाई हो उन्हें इस मुद्दे पर बात नहीं करनी चाहिए।
वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी लगातार शराबबंदी को लेकर राज्य में प्रदर्शन कर रही है। टीएस सिंह देव ने बीजेपी के प्रदर्शन पर पलटवार करते हुए कहा था कि बीजेपी ने शराब बेचने की नीति बनाई थी। आज वही लोग शराबबंदी की बात कर रहे हैं। बीजेपी ने शराबबंदी के लिए कमेटी बनाई थी लेकिन उस कमेटी ने सिफारिश की थी कि राज्य में और ज्यादा बीयर बार खोले जाएं।
भाजपा ने मांगा इस्तीफा
मंत्री टीएस सिंहदेव के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बड़े ही आश्चर्य के साथ यह कहना पड़ रहा है कि टीएस सिंहदेव खुद जन घोषणा पत्र समिति के चेयरमैन थे। जिनके नेतृत्व में राहुल गांधी को बुलाकर जन घोषणा पत्र के माध्यम से यह कहा था कि छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी होगी। भारतीय जनता पार्टी ने यह कभी नहीं कहा कि पूर्ण शराबबंदी होगी और पूर्ण शराबबंदी कहने वाले लोग आज यह कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी नहीं होगी। यह छत्तीसगढ़ की जनता के साथ धोखा है।
अग्रवाल ने कहा कि जिनकी पार्टी ने घोषणा पत्र बनाया है उनकी पार्टी के मुख्यमंत्री यह लागू नहीं कर रहे हैं। तो खुद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।