बिलासपुर : छतीसगढ़ छोड़ कर भाग रहे गोलीकांड के आरोपियों को बिलासपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी घटना कारित करने के बाद छतीसगढ़ छोड़ कर भागने की फिराक में थे। जिन्हें आधी रात एडिशनल एसपी और पुलिस टीम ने ट्रेन रुकवा कर फिल्मी स्टाईल में पकड़ा है। इसके साथ ही आरोपियों को फरार होने में सहयोग देने वाले उनके एक साथी को बलौदाबाजार पुलिस के सहयोग से भाटापारा थाना क्षेत्र से पकड़ा गया है।उसके पास से ही घटना में प्रयुक्त हथियार व आरोपियों की बाइक बरामद की गई है।
रविवार की रात पचपेढ़ी थाना क्षेत्र के ग्राम मानिकचौरी में रहने वाले किराना दुकान व्यवसायी मंगतूराम अजय के 17 वर्षीय पुत्र अनीश अजय की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। मंगतूराम अजय घर मे ही किराना दुकान चलाते हैं। रविवार की रात 9 बजे के लगभग वह दुकान बंद कर खाना खा रहे थे। तभी भूपेंद्र पोर्ते व नंद किशोर साहू उनके घर पहुँचे और दुकान खुलवा कर राजश्री गुटखा लिया। गुटखा लेकर दोनो बिना पैसा दिए जाने लगे। जब मंगतूराम के पुत्र अनीश अजय ने पैसा मांगा तो उसके साथ मारपीट करने लगे। बीच बचाव करने आये मंगतूराम, उनकी पत्नी सरोजनी व 12 वर्षीय पुत्री नेहा को भी ईंट से हमला कर घायल कर दिया। जिसके बाद अनीश को कट्टे नुमा हथियार से गोली मार कर घायल कर दिया। अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गयी। घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी पारुल माथुर, एडिशनल एसपी राहुल देव शर्मा पुलिस टीम व एसीसीयू टीम को लेकर घटना स्थल पहुँचे। आरोपी घटना कारित कर बाइक से फरार हो गए थे।
चारो तरफ नाकेबंदी कर आरोपियों की तलाश शुरू की गई। आरोपियों के मस्तूरी के चिल्हाटी के पास फिर कालिंदी इस्पात के पास दिखने की सूचना पुलिस को ग्रामीणों व अन्य माध्यमों से मिली। जिसके बाद स्प्ष्ट हो गया कि दोनो आरोपी शहर की तरफ नही आये हैं बल्कि बलौदाबाजार की तरफ गए हैं। तब एसएसपी पारुल माथुर ने आरोपियों की गिरफ्तारी हेतू 17 सदस्यीय स्पेशल टीम बनाने के अलावा 5 हजार के ईनाम की घोषणा आरोपियों की सूचना देने वालों के लिए की। साथ ही एसएसपी ने बलौदा बाजार पुलिस से भी आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु संपर्क किया। जिसके बाद बलौदाबाजार पुलिस भी हरकत में आई और जगह जगह छापेमारी कर आरोपियों की तलाश शुरू की। बलौदाबाजार व बिलासपुर पुलिस को सूचना मिली कि दोनो आरोपी बलौदाबाजार जिले के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम रसेड़ा में छुपे हुए हैं। यहां उनका मित्र वीर सिंह साहू रहता है। वह सीमेंट फेक्ट्री में काम करता है। पर जब तक पुलिस वहां पहुँची तो तीनो वहां से फरार हो चुके थे। व घर मे ताला लगा था। फिर बलौदाबाजार पुलिस को अपने मुखबिरों से जानकारी मिली कि वीर सिंह भाटापारा थाना क्षेत्र के ग्राम अर्जुनी में अपने ससुराल में छिपा है। पुलिस टीम ने वहां जाकर उसे गिरफ्तार किया और पूछताछ शुरू की।
पूछताछ में उसने बताया कि दोनो गोली चलाने के बाद बाइक से भागते हुए पहले नंद किशोर साहू के ससुराल गए थे फिर उसके गृहग्राम रसेड़ा आये। रसेड़ा में वीर सिंह ने दोनो को पूरी रात व दूसरे दिन दिन भर छिपा कर रखा व खाने पीने की व्यवस्था की। किसी को शक न हो और पुलिस न पहुँच जाए इसके लिए उसने अपने घर मे बाहर से ताला भी लगा दिया था। गोलीकांड के दूसरे दिन वह दोनो को लेकर भाटा पारा स्टेशन पहुँचा और उन्हें सारनाथ ट्रेन में बिठा दिया। फिर खुद आरोपियो की बाइक व घटना में प्रयुक्त कट्टा लेकर अपने ससुराल अर्जुनी में जाकर छिप गया। बाइक नंद किशोर साहू की थी। वीर सिंह से ही घटना में प्रयुक्त हथियार बरामद किया गया।
इलाहाबाद भागने की फिराक में ट्रेन में सपड़ाये, पुलिस ने पकड़ा फ़िल्मी स्टाइल में:- पुलिस को जब जानकारी हुई कि दोनो भाटापारा से सारनाथ एक्सप्रेस में निकले हैं तब बिलासपुर पुलिस तुरंत ही सक्रिय हुई। और बिलासपुर स्टेशन में तोरवा थाना प्रभारी फैजुल होदा शाह अपने तीन सिपाहियों के साथ पहुँच गए। पर तब तक ट्रेन छूटने ही वाली थी। जिस पर फैजुल शाह अपने तीन जवानों उदय पाटले,अशोक कश्यप, यशपाल टण्डन के साथ ट्रेन में ही सवार रह कर ट्रेन में ही आरोपियों की तलाश करते हुए उसलापुर स्टेशन में पहुँचे। उसलापुर स्टेशन में एडिशनल एसपी राहुल देव शर्मा,एसीसीयू प्रभारी हरविंदर सिंह,सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी,सकरी के थाना प्रभारी सागर पाठक व उपनिरीक्षक प्रसाद सिन्हा टीम के साथ तैनात थे। जैसे ही ट्रेन उसलापुर पहुँची वहां पुलिस टीम ने ट्रेन में घुस कर आरोपियों की तलाश शुरू की। यहां पर थोड़ी देर के लिए ट्रेन को रुकवाया भी गया। तभी ट्रेन की एक बोगी में सागर पाठक व फैजुल शाह को एक आरोपी नंद किशोर साहू मिल गया। दोनो आरोपी किसी किस्म का शक न हो इसलिए अलग अलग जगह बैठे थे। जिससे एक आरोपी भूपेंद्र पोर्ते की ट्रेन से कूद कर फरार होने की आशंका पुलिस टीम को हुई और सारे जवान व अधिकारी निचे उतर कर भूपेंद्र पोर्ते की तलाश शुरू कर दी। इसी बीच ट्रेन आगे बढ़ गयी।
एडिशनल एसपी रह गए ट्रेन में अकेले, दूसरा आरोपी लगा उन्ही के हाथ:- जब सारे जवान व अधिकारी भूपेंद्र पोर्ते के ट्रेन से नीचे कूद कर भागने की आशंका में ट्रेन से नीचे उतर गए तब ट्रेन को आगे रवाना कर दिया गया। पर एडिशनल एसपी राहुल देव शर्मा अकेले ही ट्रेन में रह गए थे। उन्होंने चलती ट्रेन में आरोपी भूपेंद्र की तलाश शुरू की। तब उन्हें भूपेंद्र विंडो सीट पर बैठा हुआ मिल गया। तब एडिशनल एसपी राहुल शर्मा ने झपट कर उसे अपने काबू में ले लिया और उसी के गमछे से उसका हाथ बांध दिया फिर एक यात्री का गमछा मांग कर उसे ट्रेन की खिड़की से बांध दिया। और कोटा पुलिस को इसकी सूचना दी। ट्रेन जब कोटा स्टेशन पहुँची तो वहां थाना प्रभारी दिनेश चंद्रा अपनी टीम के साथ मौजूद थे। जहां भूपेंद्र को भी उतार कर गिरफ्तार कर लिया गया। एसएसपी पारुल माथुर ने बताया कि जिले की पुलिस टीम,एसीससीयू व बलौदाबाजार पुलिस के सहयोग व टीम वर्क चलते आरोपियों की त्वरित गिरफ्तारी हो पाई है।