अम्बिकापुरः छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर शहर से लगे इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की क्लिनिक धड़ल्ले से चल रही है। ऐसी ही एक शिकायत पर नायब तहसीलदार की टीम ने एक अवैध क्लिनिक में दबिश दी तो नजारा देखकर दंग रह गए। क्लिनिक के भीतर मरीजों को जमीन में लिटाकर ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा था, यही नहीं इंजेक्शन भी लगाया जा रहा था। अवैध रूप से क्लिनिक का संचालन पाए जाने पर सील करने की कार्रवाई की गई और अग्रिम कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों से अनुशंसा भी की जा रही है।
नायब तहसीलदार किशोर कुमार वर्मा ने बताया कि अम्बिकापुर शहर से लगे ग्राम सकालो में बगैर वैद्य व सक्षम दस्तावेजों के अवैध रूप से मुस्कान क्लिनिक का संचालन किया जा रहा था।
संचालक गौतम हालदार के द्वारा स्वयं को चिकित्सक बता मरीजों का उपचार किया जा रहा था। ग्रामीणों की शिकायत पर जब उक्त संस्थान में दबिश दी गई तो जमीन पर मरीज लेटे हुए दिखे, जिन्हे ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा था और इंजेक्शन भी लगाया जा रहा था। क्लिनिक में बुखार के गंभीर मरीजों का भी उपचार कर दवाइयां दी जा रही थी। क्लिनिक के बाहर भी मरीज अपनी बारी के इंतजार में खड़े थे।
बता दें कि अविभाजित सरगुजा के दूरस्थ ग्रामीण अंचलों तक गांव गांव में झोलाछाप डॉक्टरों का जाल फैला हुआ है। बताया जा रहा है कि आंठवी फेल लोग गांव में खुद को चिकित्सक बता ग्रामीणों को झांसा देते हुए क्लिनिक खोल इलाज शुरू कर देते है।
ग्रामीण इलाको में अभी भी ऐसी स्थिति है. जानकारी व जागरूकता के अभाव में ग्रामीण ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में फंस स्वास्थ्य व धन दोनों गंवा रहे हैं. कई बार गलत इलाज से मरीजों की जान को खतरे में भी पड़ जाती है. नागरिकों ने प्रशासन से इस ओर अभियान चला वृहद कार्रवाई की मांग की है.
अधिकारियों ने बताया कि मुस्कान क्लिनिक के संचालक की डिग्री बीएएमएस (बैचलर ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन) की थी. जबकि वह मरीजों को यह बता रहा था कि वह एमबीबीएस चिकित्सक है. जिससे ग्रामीण उसके झांसे में आ रहे थे और क्लिनिक में गंभीर मरीजों का उपचार कर स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था. अधिकारियों ने यह भी बताया कि उक्त डिग्री से केवल सर्दी, खांसी की सामान्य दवाइयां दी जा सकती है. इंजेक्शन व ग्लूकोज नहीं चढ़ाया जा सकता.