बिलासपुर: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अंतर्गत फूड इंस्पेक्टर की भर्ती प्रक्रिया बाधित हो गई है। इस मामले में जस्टिस पी. सैम कोशी ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अब हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक ही भर्ती प्रक्रिया तय होगी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अंतर्गत फूड इंस्पेक्टर के 84 पदों पर भर्ती के लिए व्यापमं ने 4 जनवरी 2022 को विज्ञापन जारी किया था। इसकी लिखित परीक्षा 20 फरवरी को हुई थी। बिलासपुर के अभ्यर्थी प्रवीण मिश्रा भी परीक्षा में शामिल हुए थे। प्रवीण का लिखित परीक्षा में ओवरऑल 29वां रैंक आया था। इस दौरान व्यापमं ने मॉडल आंसर जारी किया और दावा-आपत्ति मंगाई थी। इस पर प्रवीण ने प्रश्नोत्तर क्रमांक 31, 85, 102, 118, 165, 172 और 176 पर आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बावजूद व्यापमं ने प्रवीण की आपत्ति को नजरअंदाज करते हुए अंतिम उत्तर जारी कर दिया और गलत उत्तरों को सही ठहरा दिया। इससे क्षुब्ध होकर प्रवीण ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से रिट-याचिका दायर की।
याचिका का मुख्य आधार यह लिया गया कि याचिकाकर्ता द्वारा सही उत्तर देने के बाद भी छत्तीसगढ़ व्यापमं द्वारा गलत उत्तरों का चयन किया गया और दो प्रश्नों के उत्तर सही होने के बावजूद बिना किसी कारण के विलोपित कर दिया। याचिकाकर्ता के द्वारा प्रमाण के साथ सही उत्तर देने के बावजूद बिना समिति गठित कर गलत उत्तर का चयन करना असंवैधानिक है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस पी. सैम कोशी के यहां हुई। जस्टिस पी. सैम कोशी ने आदेश पारित किया है कि फूड इंस्पेक्टर भर्ती इस याचिका में पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी।