रायगढ़: बीजद के पूर्व विधायक अनूप साय को प्रेमिका और उसकी बिटिया की नृशंस हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा दी गई है। पंचम अपर सत्र न्यायाधीश कमलेश जगदल्ला ने इस मामले में फ़ैसला सुनाया।
घटनाक्रम सात मई 2016 का है जबकि रायगढ़ उड़ीसा सरहद पर स्थित शाकंबरी प्लांट के पास दो शव मिले थे, चक्रधर नगर थाना ने मामले की जाँच शुरु की लेकिन फिर मामला अनसुलझा रह गया। 2020 में इस मामले की फिर से जाँच पड़ताल शुरु हुई।
तत्कालीन कप्तान संतोष सिंह और उनकी टीम ने दोनों शवों की पहचान कल्पना दास और कल्पना की बिटिया बबली के रुप में की, और जल्द ही आरोपी के रुप में रायगढ़ पुलिस अनूप साय तक पहुँच गई। अनूप साय तीन बार का विधायक था और जब कि रायगढ़ पुलिस ने उसे पकड़ा तब वह विधायक नहीं था लेकिन उसे उड़ीसा सरकार में कैबिनेट दर्जा प्राप्त था।
अनूप साय और अधिवक्ता कल्पना दास के बीच तब प्रेम संबंध हो गए थे, जबकि अपने पति से अनबन के बाद वह विधायक अनूप साय के संपर्क में आ गई थी। कुछ समय के बाद कल्पना अनूप साय को शादी के लिए दबाव देने लगी, यह दबाव विवाद में बदलने लगा। घटना दिनांक को अनूप साय उसे रायगढ़ में विवाह करने की बात कहते हुए हमीरपुर मार्ग ले आया और वहाँ माँ बेटी की हत्या कर शव को गाड़ी से कुचल दिया। इस मामले में अदालत ने साठ गवाहों के कथन रिकॉर्ड में लेने और पुलिस की डायरी में उल्लेखित तथ्यों के अवलोकन और जिरह के बाद अपराध प्रमाणित पाया और अदालत ने इस मामले में अनूप साय को आजीवन कारावास की सजा दी जबकि यह अभियुक्त बने अनूप के ड्राइवर वरधन को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।