नई दिल्ली: इस खिलाड़ी की उम्र सिर्फ 19 साल है लेकिन दिग्गज अभी से इनकी तारीफ कर रहे हैं। इसने इंडियन प्रीमियर लीग में अब तक कोई मुकाबला नहीं खेला है। लेकिन अभी से उन्हें दिग्गजों की तारीफ मिलने लगी है। मुंबई इंडियंस के कोच महेला जयवर्धने ने उनकी दिल खोलकर तारीफ की है। सीजन की शुरुआत से पहले उन्होंने वर्मा को बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी बताया है। वह हैदराबाद से हैं और शायद कलाई का अच्छा बल्लेबाज होने के लिए यह खूबी काफी है।
मुंबई इंडियंस की टीम को देखकर लगता है कि इस खिलाड़ी को मौका मिलना लगभग तय है। ऐसे में वर्मा के लिए यह बहुत बड़ा मौका हो सकता है। मुंबई की टीम उन्हें नंबर तीन पर बल्लेबाजी का मौका दे सकती है। वर्मा को मुंबई इंडियंस से 1.7 करोड़ रुपये में खरीदा। कई अन्य फ्रैंचाइजी भी इस बल्लेबाज को खरीदने के लिए उत्सुक थीं। सनराइजर्स हैदराबाद, चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की टीमें भी इस खिलाड़ी को अपने साथ शामिल करना चाहती थीं।
हैदराबाद के इस बल्लेबाज ने साल 2020 के वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था। भारत को इस वर्ल्ड के फाइनल में बांग्लादेश के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इस वर्ल्ड कप में वह ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाए थे। साल 2020 के वर्ल्ड कप से पहले चार देशों के टूर्नमेंट में उन्होंने अपने आखिरी चार मुकाबलों में हाफ सेंचुरी लगाई थी। अंडर-16 टूर्नमेंट में अपने खेल से वह पहली बार लोगों की नजर में आए। यहां उन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाए। तिलक वर्मा के बल्ले से 960 रन निकले थे।
वर्मा ने घरेलू क्रिकेट की शानदार शुरुआत की। उन्होंने साल 2021-2022 में सैयद मुश्ताक अली ट्रोफी में 215 रन बनाए। स्ट्राइक रेट रहा 147.26। अपनी इस फॉर्म को उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में भी कायम रखा। यहां उन्होंने 97.75 के औसत और 97.26 के स्ट्राइक रेट से 391 रन बनाए। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को नंबर तीन या चार पर कहीं भी बल्लेबाजी कर सकते हैं।
लिस्ट ए क्रिकेट में वर्मा ने सिर्फ 16 मैच खेले हैं लेकिन यहीं उन्होंने अपनी प्रतिभा की झलक दिखा दी है। उन्होंने इसमें 784 रन बनाए हैं। उनका बल्लेबाजी औसत 52.26 का है और स्ट्राइक रेट 96.43 का। इसमें तीन सेंचुरी और इतनी ही हाफ सेंचुरी हैं। वहीं टी20 क्रिकेट में वह और कमाल की बल्लेबाजी कर रहे हैं। 15 मैचों में रन 381 हैं लेकिन तीन हाफ सेंचुरी के साथ। और बल्लेबाजी का स्ट्राइक रेट 143.77 का है। तो ये आंकड़े तो बता रहे हैं कि वह बल्लेबाजी कर सकते हैं। और कमाल की बल्लेबाजी कर सकते हैं।
तिलक असल में अपने इलेक्ट्रिशन पिता का सपना पूरा कर रहे हैं। पिता जब बेटे के करियर को नहीं संवार पा रहे थे तब एक कोच आगे आया। उसने पूरा खर्च उठाए और उससे आगे बढ़कर भी मदद की। तब हैदराबाद के चंद्रायनगुट्टा इलाके का यह लड़का अपनी बल्लेबाजी को संवारने में जुट गया। उसके कट, पुल और ड्राइव, बैटिंग स्टान्स सब चमकने लगा। तिलक को संवारने में उनके कोच सलाम बायश की बड़ी भूमिका रही। उन्होंने उसे संवारा, तराशा और जरूरत पर खाना दिया। और तो और उन्होंने तिलक को अपने घर में रहने की जगह भी दी। पिता नंबूरी नागाराजू उन्हें अकादमी में भेजने का खर्च नहीं उठा सकते थे लेकिन सलाम ने पूरा सभी खर्चों का ध्यान रखा। वर्मा ने कहा भी था, ‘मेरे बारे में भले ही न लिखो लेकिन कोच सर के का जरूर लिखना।’