RAJNANDGAON | बीजेपी और जेसीसीजे के प्रत्याशियों ने भरा नामांकन, पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने कहा- चार राज्यों में मिली जीत, यहां भी खिलेगा कमल

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में खैरागढ़ विधानसभा सीट पर होने जा रहे उप चुनाव के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन है। भारतीय जनता पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) सहित निर्दलीय उम्मीदवारों ने लाव लश्कर के साथ नामांकन दाखिल किया। भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल ने दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में पर्चा दाखिल किया। वहीं जेसीसीजे के प्रत्याशी नरेंद्र सोनी ने भी रैली निकालकर जीत का दावा किया।

राजनांदगांव के सिंधु भवन में भाजपा के दिग्गज नेताओं की सभा हुई। भाजपा नेताओं ने कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करते हुए भूपेश बघेल सरकार पर हमला बोला। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि अभी देश के चार राज्यों में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है। देश की जनता भाजपा के साथ है। खैरागढ़ उपचुनाव में भी जनता का आशीर्वाद भाजपा को मिलेगा। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने जन घोषणाओं को आज तक पूरा नहीं किया है। शराबबंदी की बात कही गई थी, लेकिन होली में पहली बार 1500 करोड़ की शराब सरकार ने बेची। प्रदेश में सरकार का नहीं माफियाओं का राज है। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक सहित कई नेता मौजूद रहे। 

जेसीसीजे के नरेंद्र ने भी जमा किया पर्चा 
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बड़ी ताकत बनकर उभरी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रत्याशी नरेंद्र सोनी ने भी बाइक रैली निकालकर नामांकन दाखिल किया। जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी और पार्टी सुप्रीमो रेणु जोगी भी नामांकन के लिए राजनांदगांव पहुंचीं। अपने शीर्ष नेताओं को अपने बीच पाकर जेसीसीजे के कार्यकर्ता उत्साहित नजर आए। नामांकन दाखिल करने जेसीसीजे की रैली में बड़ी संख्या में युवा मोटरसाइकिलों में पहुंचे।

28 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे  
खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव के लिए 17 मार्च से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। गुरुवार 24 मार्च नामांकन की आखिरी तारीख है। तय कार्यक्रम के अनुसार स्कूटनी के बाद 28 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। उप चुनाव के लिए 12 अप्रैल को मतदान होगा और 16 अप्रैल को मतगणना होगी। राजनांदगांव जिले की यह सीट खैरागढ़ सियासत के राजा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खाली हुई है।

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