रायपुर: विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन विपक्ष ने शून्य काल में संसदीय सचिवों के अधिकारों पर सवाल उठाए। विपक्ष ने कहा कि जब कई प्रदेशों में संसदीय सचिव बनाना बंद कर दिया गया है। जब विधान सभा की कार्रवाई में उनका कोई अधिकार नही है, तो सदन की किताबों में उनका उल्लेख क्यों? इस पर विधि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष व्यवस्था पर अड़ा रहा।
विपक्ष के संसदीय सचिवों के सवाल पर मंत्री अकबर ने कहा कि संसदीय सचिव मंत्रियों के सहयोग के लिए हैं। विधानसभा में भी इसका उल्लेख किया गया था। मंत्री के जवाब पर विपक्ष ने असंतोष जताया। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि कहीं नहीं लिखा है कि उनको विभाग दिया जाएगा। विधानसभा में किसी प्रकार का कोई अधिकार नहीं है, तो उनकी फोटो सरकारी किताब में छापना गलत है।
भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आसंदी से व्यावस्था मांगी। इस पर आसंदी ने व्यवस्था का आश्वासन दिया। असांदी ने कहा कि विधि मंत्री ने संसदीय सचिव के मामले में स्थिति को स्पष्ट कर दिया है, इसलिए इस सवाल को अमान्य किया जाता है। विधि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष व्यवस्था पर अड़ा रहा। इसके साथ संसदीय सचिव के अधिकारों की परिभाषा को पटल पर रखने की मांग की।