रूस-यूक्रेन की जंग में छतीसगढ़ का बेटा राजदीप बना हीरो, हज़ारो लोगों को पहुंचा रहा दवाई भोजन

रायपुर: बहुचर्चित फिल्म बाहुबली के एक सीन में डायलॉग है- ‘युद्ध में सैकड़ों को मारने वाला नायक है, लेकिन जो किसी एक के भी प्राण बचा ले वह देवता है। यह वाक्य रूस और यूक्रेन युद्ध में जिंदगी बचाने के काम में जुटे भारत के एक बेटे पर सटीक बैठती है। एक तरफ जहां रूस और यूक्रेन की सेना बहादुरी के साथ अपने-अपने खेमे में हिस्सा लेते हुए तबाही फैला रहे हैं, वहीं इन सबके बीच भारत के छत्तीसगढ़ का बेटा जंग में फंसे लोगों को जिंदगी देने के काम में जुटा है। राजदीप सिंह अपने दोस्तों के साथ जर्मनी से 1200 किलोमीटर का लंबा सफर तयकर बुडापोस्ट में लोगों की मदद के लिए पहुंच चुके हैं। पोलैंड और हंगरी बॉर्डर पार कर ये लोग बुडापोस्ट पहुंच रहे हैं।

कौन हैं राजदीप सिंह

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रहने वाले राजदीप सिंह हरगोत्रा जर्मनी के म्यूनिक में रहते हैं। वह जम्प रोप के अंतरराष्ट्रीय प्लेयर हैं। 2013 में चीन की राजधानी बीजिंग में 126 जंप कर रेकॉर्ड भारत के नाम दर्ज कराया और कई पदक भी जीते। राजदीप ने जम्प रोप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज कराया है। बुडापोस्ट में लोगों की मदद कर अलग मिसाल पेश कर रहे हैं।

1200 किमी का सफर तय कर बॉर्डर पहुंचे

राजदीप सिंह हरगोत्रा जर्मनी से 1200 किमी का सफर तयकर अपने दोस्तों के साथ बुडापोस्ट पहुंचे हैं। यहां पर यूक्रेन से निकले भारतीय और विदेशी छात्रों का कैंप है। राजदीप सिंह यहां छात्रों को भोजन और दवाइयां दे रहे हैं। अपने दोस्तों के साथ दिन-रात उनकी मदद में लगे हुए हैं। बुडापोस्ट में बड़ी संख्या पर भारतीय लोग और स्टूडेंट के साथ कई विदेशी आम नागरिक फंसे हुए हैं।

रहने की भी कर रहे व्यवस्था

जम्प रोप प्लेयर राजदीप सिंह तन, मन और धन से लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। 12 घंटे तक बिना रुके वह ड्राइव करते हुए बुडापोस्ट पहुंचे हैं। लोगों को राहत पहुंचाने के लिए वह दो बड़ी गाड़ियों में सामान भरकर लाए। इतना ही नहीं बॉर्डर के नजदीक अपने दोस्तों के घर पर लोगों को ठहरने की भी व्यवस्था कर रहे हैं। बॉर्डर पर फंसे लोगों के लिए राजदीप मसीहा बनकर उभरे हैं। रायपुर को भी अपने लाल पर गर्व है।

सोशल मीडिया के जरिए लोगों से जुड़ रहे राजदीप

वहीं, राजदीप लगातार सोशल मीडिया के जरिए लोगों से ज्यादा से ज्यादा जुड़ रहे और उनकी मदद कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्हें इस काम में आर्ट ऑफ लिविंग संस्था, गुरुद्वारे और कई सामाजिक संस्थाओं की मदद भी मिल रही है। साथ ही साथ कई लोग डोनेशन कर राजदीप की इस मुहिम का हिस्सा बन रहे हैं।

हर दिन आ रहे सैकड़ों कॉल

मीडिया से बात करते हुए राजदीप ने कहा है कि वॉर जोन में फंसे लोग हर दिन मदद के लिए फोन कर रहे हैं। कुछ लोगों को आस्ट्रिया में शिफ्ट भी करवाया हूं। उन्होंने कहा कि वॉर जोन में डर के बारे में नहीं सोचता हूं। हमारी कोशिश है कि यहां से ज्यादा से ज्यादा लोगों को मैं निकाल सकूं। दिन रात उनकी सेवा में लगा हूं।

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