कोरिया: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले की रहने वाली मनीषा कुशवाहा अब खुश हैं। क्योंकि मनीषा जिस लड़के से प्यार करती थीं, उसी से उनकी शादी भी हो गई है। दोनों की शादी कराने के लिए पुलिस ने दोनों परिवारों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई। इसके बाद 11 फरवरी 2022 को मनीषा अपने व्यायफ्रेंड शैलेन्द्र की जीवनसाथी बन गईं। परिवार वालों की मौजूदगी में दोनों की शादी हुई। इस शादी की चर्चा न सिर्फ कोरिया बल्कि आस-पास के अन्य जिलों में भी खूब हो रही है। पुलिस वालों ने विधि-विधान से दोनों की शादी करवाई।
मनीषा और शैलेन्द्र की शादी की राह आसान नहीं थी। लड़की के परिवार वालों ने पहले हां और फिर ना कर दिया। कोरिया पुलिस के मुताबिक मनीषा ने बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन परिवार वाले नहीं माने। इसके बाद मनीषा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सरगुजा संभाग के पुलिस आईजी को चिट्ठी लिखी। इसमें उसने बताया कि वो शैलेन्द्र के बगैर नहीं रह सकती। उसी के साथ शादी करना चाहती है। इसके बाद सरगुजा आईजी ने जिला पुलिस को निर्देश दिए। पटना थाना पुलिस हरकत में आई। थाना प्रभारी सौरभ द्विवेदी महिला एवं बाल सरंक्षण अधिकारी के साथ मनीषा के घर पहुंचे। उन्होंने दोनों की शादी के लिए परिवार वालों को मनाने का जिम्मा उठाया।
फेसबुक पर हुई थी दोस्ती
कोरिया जिले के पटना थाना क्षेत्र के महर छिदिंया गांव की रहने वाली मनीषा कुशवाहा की दोस्ती फेसबुक पर सूरजपुर के रहने वाले शैलेन्द्र से हुई। बातचीत बढ़ी तो दोस्ती प्यार में बदल गई। इसके बाद दोनों ने जीवनसाथी बनने का फैसला कर लिया। एमए पास मनीषा कहती हैं कि ‘मैं शैलेंद्र से प्यार करती हूं। यह बात मैंने अपने परिवार वालों को बताया। मेरे और शैलेन्द्र के परिवार वालों की आपस में बातचीत भी हुई, दोनों परिवार शादी के लिए राजी हुए, लेकिन बाद में मेरे परिवार वालों ने बगैर मेरी सहमती के मेरी शादी दूसरे के साथ तय कर दी।’
मनीषा कहती हैं- ‘दूसरी जगह शादी के लिए मैंने घरवालों को मना किया, लेकिन वे नहीं माने. इसके बाद मैंने मुख्यमंत्री और सरगुजा आईजी को चिट्ठी लिखी। मैंने उन्हें बताया कि मैं शैलेन्द्र के बगैर नहीं जी पाउंगी। इसके बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मदद के लिए पहुंची।’ कोरिया के वरिष्ठ पत्रकार रामचरित द्विवेदी ने बताया कि इस शादी की चर्चा पूरे जिले में हो रही है। पुलिस ने परिवार वालों को समझा-बुझा कर उनकी सहमती से शादी करवाई है। आमतौर पर परिवार वालों को समझाने की बजाय कानून का हवाला देकर शादी करवा दी जाती है, लेकिन इस केस में पुलिस प्रशासन ने परिवार वालों को शादी के लिए राजी किया।