JNU की पहली महिला कुलपति बनी शांतिश्री धुलीपुड़ी, जेएनयू से एम.फिल में किया था टॉप, छह भाषाओं में दक्ष

नई दिल्‍ली : प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की कमान पहली बार किसी महिला के हाथ में है। पुणे यून‍िवर्सिटी की प्रोफेसर शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित को जेएनयू का नया वाइस चांसलर नियुक्‍त किया गया है। वह जेएनयू की पहली महिला वीसी हैं। निवर्तमान वीसी जगदीश कुमार ने कहा कि वह सोमवार को ही चार्ज प्रफेसर पंडित को सौंप देंगे। पुणे यूनिवर्सिटी में पॉलिटिक्‍स और पब्लिक एडमिनिस्‍ट्रेशन पढ़ाने वाली प्रफेसर पंडित की पैदाइश रूस के सेंट पीटर्सबर्ग की है। शुरुआती पढ़ाई मद्रास में हुई जेएनयू से एम.फिल में टॉप किया। फिर यहीं से पीएचडी भी की। 1996 में उन्‍होंने स्‍वीडन की उप्‍पसला यूनविर्सिटी से डॉक्‍टोरल डिप्‍लोमा हासिल किया। हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल जैसी छह भाषाओं में दक्ष प्रफेसर पंडित कन्‍नड़, मलयालम और कोंकणी भी समझ लेती हैं।

नामी यूनिवर्सिटीज में पढ़ा चुकी हैं प्रफेसर पंडित
प्रफेसर पंडित के पिता सिविल सर्विसिज में थे। मां लेनिनग्राद (अब सेंट पीटर्सबर्ग) ओरियंटल फैकल्‍टी डिपार्टमेंट में तमिल और तेलुगू की प्रफेसर थीं। टीचिंग में 34 साल से ज्‍यादा का अनुभव रखने वाली प्रफेसर शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित ने पुणे यूनिवर्सिटी के अलावा गोवा यूनिवर्सिटी, ओस्‍मानिया यूनिवर्सिटी, रक्षाशक्ति यूनिवर्सिटी, मद्रास यूनिवर्सिटी में भी बढ़ाया है। इसके अलावा वह केंद्र सरकार की कई अहम समितियों में भी शामिल रही हैं। अंतराष्‍ट्रीय विषयों पर बेहतरीन पकड़ रखने वाली प्रफेसर ने कई रिसर्च प्रॉजेक्‍ट्स में महती भूमिका अदा की। दुनिया के कई नामी संस्‍थानों में उनकी फेलोशिप है। राष्‍ट्रीय-अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर उन्‍हें कई सम्‍मानों से भी नवाजा जा चुका है।

कौन-कौन सी किताबें लिखी हैं?
इसके अलावा प्रफेसर पंडित ने कई बुकलेट्स तैयार की हैं। कई किताबों में उनके चैप्‍टर्स हैं। प्रफेसर पंडित ने भारत और दुनिया के राजनीतिक परिदृश्‍यों पर कई रिसर्च पेपर प्रकाशित किए हैं जिनका ब्‍योरा पुणे यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर मौजूद उनके सीवी में है।

UGC के चेयरमैन होंगे एम. जगदीश कुमार
जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार को यूजीसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए या 65 साल के होने तक की है। प्रोफेसर डी. पी. सिंह के इस्तीफे के बाद 7 दिसंबर से यह पद खाली था। जेएनयू के कुलपति के रूप में जगदीश कुमार का कार्यकाल विवादों से भरा रहा। उनकी नियुक्ति के फौरन बाद छात्रों ने संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ कार्यक्रम आयोजित किया था। राजद्रोह विवाद और मानव संसाधन मंत्री को दीक्षांत समारोह स्थल पर छह घंटे रोके जाने जैसी घटनाएं भी उनके कार्यकाल के दौरान हुईं।

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