हैवानियत की हदें पार, डेढ़ घंटे तक देते रहे यातनाएं, रहम की भीख मांगती रही पीड़िता, रूह कांपा देगी ये घटना

नई दिल्ली: विवेक विहार के कस्तूरबा नगर इलाके में जांच के दौरान रोजाना ही नए वीडियो सामने आ रहे हैं। शनिवार को हैवानियत के कुछ और वीडियो सामने आए, जिसमें करीब 70 से 80 महिलाओं के बीच पीड़िता को मुंह पर कालिख पोतकर गली-गली घुमाया जा रहा है। एक वीडियो में एक युवक आरोपी महिलाओं को समझाकर पीड़िता को महिला के चंगुल से छुड़ाने का भी प्रयास कर रहा है। लेकिन आरोपी महिलाएं उसे एक कमरे में लेकर घुसती हुई दिखती हैं।

इस दौरान पीड़िता हाथ जोड़कर रहम की भीख मांग रही है। वहां मौजूद किसी भी महिलाओं का दिल नहीं पसीज रहा। उल्टा वह उसे दुल्हन बनाकर मुंह दिखाई करने की बात कर रही हैं। एक महिला ने तो नोट निकालकर उसके सिर पर घुमाया। इस दौरान घर में मौजूद महिलाएं ताली बजाती और हूटिंग करती हुई दिख रही हैं। एक वीडियो में दिखता है कि आरोपी पीड़िता को बाल पकड़कर कड़कड़डूमा गांव के मकान से जबरन खींचकर लाते हैं।

इसके बाद जबरन उसको ऑटो में बैठाकर घर ले जाने की बात कर रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि महिलाएं उसके मुंह पर थप्पड़ ही थप्पड़ मार रही हैं।

इस वीडियो में कुछ नाबालिग दिख रहे लड़के भी शामिल हैं। पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने बताया था कि उसे कस्तूरबा नगर ले जाकर करीब डेढ़ घंटे के आसपास यातनाएं दी गई। पुलिस वीडियो के आधार पर आरोपी महिलाओं की पहचान करने में जुटी है।

फिलहाल जिन मोबाइल से वीडियो बनाए गए हैं, पुलिस उनको बरामद करने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने वालों को ऐसा न करने के लिए कहा है।

अधिकारियों का कहना है कि यदि सोशल मीडिया पर वीडियो को वायरल करते हुए कोई मिला तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा।

विवेक विहार इलाके में हुई घटना के बाद मांग उठने लगी है कि आरोपियों को जल्द ही कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। पीड़िता के मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाए। राजधानी दिल्ली के लिए यह घटना बेहद शर्मनाक थी।

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेद भूषण ने बताया कि यह घटना जून 1980 में यूपी के बड़ौत हुई माया त्यागी कांड की याद दिलाती है। मामूली झगड़े के बाद कुछ पुलिस कर्मियों ने माया त्यागी के पति और साथियों की हत्या कर दी थी।

इसके बाद माया त्यागी को निर्वस्त्र कर पूरे बाजार में घुमाया गया था। महिला को न्याय मिलने में करीब 29 साल लग गए। ऐसा न हो कि इस बेटी के साथ भी न्याय मिलने में इतना समय लगे। दूसरे समाजसेवी संगठनों ने भी मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की मांग उठानी शुरू कर दी है।

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