नई दिल्ली: पश्मीना (गर्म और नर्म कपड़ा) के बारे में सुना है ना, जिसे दुकानदार अंगूठी के बीच से निकाल कर भी दिखाते हैं। भले ही पश्मीना अंगूठी से निकल जाए। पर क्या ये एक माचिस की डब्बी में पैक हो सकता है? अब सोचिए जब पशमीना माचिस की डिब्बी में नहीं आ सकता, तो साड़ी उसमें कैसे पैक हो सकती है! पर तेलंगाना के एक हैंडलूम (हथकरघा) बुनकर ने इसको मुमकिन कर दिया है। जी हां, उसने एक ऐसी साड़ी तैयार की है, जो माचिस की डिब्बी में समा जाती है। सोशल मीडिया पर भी इस साड़ी की तस्वीरें वायरल हो गई हैं। साथ ही, लोग बुनकर के काम की सराहना कर रहे हैं।
साड़ी को तैयार करने में लगते हैं 6 दिन
इस बेहतरीन कार्य को अंजाम देने वाले बुनकर का नाम नाल्ला विजय है, जो राजन्ना सिरसिल्ला जिले के रहने वाले हैं। रिपोर्ट के अनुसार, विजय ने मंगलवार को अपनी यह स्पेशल साड़ी मंत्री सबिता इंद्रारेड्डी को भेंट की। विजय ने बताया कि उन्हें इस तरह की साड़ी तैयार करने में लगभग 6 दिन लगते हैं।
इतनी है इस स्पेशल साड़ी की कीमत
वो कहते हैं कि अगर साड़ी तैयार करने में मशीन का उपयोग किया जाए तो इस काम को दो दिन में भी पूरा किया जा सकता है। बता दें, पारंपरिक करघे पर बुने जाने पर इसकी कीमत ₹12,000 है। जबकि मशीन पर तैयार किए जाने पर साड़ी ₹8,000 की पड़ती है।