रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने रायपुर के एम्स और पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा शीघ्र शुरू करने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि कोरोना का नया वेरिएंट और उसका बदलता स्वरूप वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। देश के ज्यादातर राज्यों में कोविड के नए वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण की खबरें लगातार आ रही हैं। छत्तीसगढ़ कई राज्यों की सीमाओं से घिरा हुआ है, इसलिए यहां भी कोरोना के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव कोरोना पॉजिटिव हैं और होम आइसोलेशन में हैं। सिंहदेव ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के वेरियंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। हमें इसके लिए सैंपल भुवनेश्वर (ओडिशा) भेजकर रिपोर्ट मंगानी पड़ती है, जिसमें काफी समय लगता है। जांच की गति धीमी होने के कारण यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि हमारे क्षेत्र में फैलने वाला कोरोना वेरिएंट ओमिक्रॉन, डेल्टा या अन्य कोई दूसरा है। इसके कारण कोरोना की रोकथाम, जांच और इलाज के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेने तथा रणनीतिक तैयारी करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आर्थिक व तकनीकी सहयोग का आग्रह
सिंहदेव ने प्रदेस में कोरोना के बढ़ते मामले को देखे हुए एम्स रायपुर में जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा तत्काल प्रारंभ कराए जाने का आग्रह किया है। उन्होंने रायपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज में भी जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा जल्दी शुरू करने के लिए जरूरी आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। सिंहदेव ने कहा है कि दोनों जगहों पर लैब शुरू हो जाने से समय पर कोरोना संक्रमण से बचाव और बेहतर इलाज की व्यवस्थाएं व्यवस्था की जा सकेंगी। उन्होंने इस संवेदनशील विषय पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से शीघ्र निर्णय लेकर कार्यवाही की अपेक्षा की है।