दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पुलिस के लोन वर्राटू यानी घर वापस आइए अभियान चलाया जा रही है। साल 2020 में शुरू हुए इस अभियान के तहत अब तक 480 माओवादी सरेंडर कर चुके हैं। इनमें 2 करोड़ 5 लाख रुपए के कुल 120 इनामी माओवादी भी शामिल हैं।
दंतेवाड़ा देश का पहला ऐसा जिला है, जहां पुलिस के नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे किसी अभियान के तहत इतनी बड़ी सफलता मिली हो। साथ ही बस्तर में नक्सलियों का सबसे मजबूत दरभा डिवीजन कमेटी भी खाली हो गया है।
दरअसल, बस्तर में माओवादियों की पूर्वी बस्तर डिवीजन, माड़ डिवीजन, पश्चिमी बस्तर डिवीजन, उत्तर बस्तर डिवीजन और दरभा डिवीजन ये 5 सबसे मजबूत कमेटी हैं। इनमें से दरभा डिवीजन के अंतर्गत कांगेर वैली, कटेकल्याण और मलांगिर एरिया कमेटी आती है। पिछले कुछ सालों में पुलिस ने इन्हीं इलाके में सबसे ज्यादा एनकाउंटर किए हैं। साथ ही कई माओवादियों ने दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में हथियार भी डाले हैं।
पुलिस का दावा है कि माओवादियों के इस डिवीजन में लगभग 200 से ज्यादा छोटे बड़े कैडर के माओवादी थे, जिनमें कुछ ही बचे हैं। साल 2022 में यह इलाका नक्सल मुक्त हो जाएगा।
सरेंडर नक्सलियों के लिए बन रही कॉलोनी
दंतेवाड़ा के पुलिस लाइन कारली में सरेंडर माओवादियों के लिए शहीद महेंद्र कर्मा कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। इसी कैंपस में सरेंडर माओवादियों को तरह-तरह का रोजगार भी मिलेगा। बताया जा रहा है कि साल 2022 में 26 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस कॉलोनी का उद्घाटन करेंगे।
इस कॉलोनी में सरेंडर माओवादियों के साथ नक्सल पीड़ित परिवार भी रहेंगे। एक ही परिसर में आवास और रोजगार की सुविधा उपलब्ध होगी। अब तक जिन नक्सलियों ने हथियार डाले हैं, उनमें 416 पुरुष हैं तो वहीं 64 महिला है।