बिलासपुर: कोरोना काल के दौरान बिलासपुर रेल मंडल के छोटे स्टेशनों में रेलवे के द्वारा स्टॉपेज बंद कर दिया गया था, जिसे अब तक शुरू नहीं किया है। इसकी मांग को लेकर कोटा करगी रोड के लोगों के चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जा रहा है। बीते मंगलवार को कोटा स्टेशन पर जुटे सैकड़ों लोगों ने प्लेटफार्म पर भजन कीर्तन किया। इसके साथ ही कई आंदोलनकारी घंटों तक पटरी पर भी बैठे रहे। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच धक्का मुक्की भी हुई। दरअसल, रेलवे के खिलाफ कोटा नगर के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। मंगलवार को कोटा स्टेशन से लेकर पटरी तक आंदोलनकारियों ने कब्जा किया।
नगर संघर्ष समिति के द्वारा पिछले तीन चार माह से रेल रोकने के लिए आंदोलन किया जा रहा है। दो माह पूर्व रेलवे ने नगर संघर्ष समिति के लोगों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही ट्रेन का स्टापेज शुरू कर दिया जाएगा लेकिन रेलवे का आश्वासन झूठा ही निकला। रेलवे की इस वादा खिलाफी और पिछले दो साल से ट्रेनों के लिए तरस रहे नगर के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। पिछले पंद्रह दिनों से चल रहे क्रमिक आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया है।
नगर बंद करने के साथ ही स्टेशन में धरना प्रदर्शन किया। रेलवे ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर सुरक्षा की दृष्टि से पुरे स्टेशन को छावनी में तब्दील कर दिया था। इसके बाद भी नगर के लोगों ने रेलवे स्टेशन परिसर में जमकर हंगामा किया। रेलवे की तरफ से नगर के लोगों से बात करने के लिए एसीएम भारतीयन आए हुए थे लेकिन उनकी बात किसी ने भी नहीं सुनी और रेल स्टापेज को लेकर ठोस निर्णय करने की बात पर अड़े रहे।
मीडिया से बात करते हुए एसीएम भारतीयन ने कहा कि आंदोलनकारी बात ही सुनने का राजी नहीं है। मैं यहां की सारी घटना डीआरएम को बता दूंगा और फाइल आगे रेलवे बोर्ड के पास भेज दी जाएगी लेकिन रेल रोकना नहीं रोकना बोर्ड के हाथ में है। वहीं मंगलवार को जिस तरह का प्रदर्शन हुआ उससे लगता है कि आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज होगा।