नई दिल्ली: शादी एक लड़की की दूसरी जिंदगी की नई शुरुआत होती है। पिंकी ने भी यही सोचकर नौ महीने पहले एक एजुकेटेड इंसान जोकि दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था उससे विवाह किया। जिंदगी के नए सपने संजोए। मगर उसी इंसान ने उसकी हत्या की साजिश रची। ये हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा दी। जब इस हत्या में उसके पति और पति के भतीजे का नाम आया तो पुलिस के भी होश उड़ गए। अब हम आगे बताते हैं कि ये कहानी सुलझी कैसे। डीयू के असिस्टेंट प्रोफेसर ने तो हत्या को छिपाने की पूरी कोशिश कर ली थी। एक वक्त तो लग रहा था जैसे वो बचने में भी कामयाब हो जाएगा मगर कहते हैं न चोर की दाढ़ी में तिनका। और पुलिस इस तिनके को समझने में ज्यादा देर नहीं लगी।
दिल्ली पुलिस को हुआ शक
दिल्ली पुलिस जब मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही थी तो शक की सुई पति प्रोफेसर वीरेंद्र कुमार पर घूमी। प्रोफेसर साहब ने तो अपना पूरा दिमाग लगाकर इस हत्या की साजिश रची थी। मगर पुलिस ने जब इनसे बयान लेने चाहे तो प्रोफेसर साहब बेहद चालाकी से अपना बयान बदलने लगे। तब पुलिस का शक और गहरा हुआ। वीरेंद्र एक प्लान के तहत अपनी मां को लेकर अस्पताल गया था। ताकि अस्पताल में मेडिकल पर्ची और खुद की वहां पर मौजूदगी की आड़ में जांच की आंच उस पर न आए।
करीब 300 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली
डीसीपी सागर सिंह कलसी के मुताबिक, पुलिस ने राकेश को रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की तो वह बार-बार बयान बदलने लगा। पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की। फिर पुलिस ने आसपास लगे करीब 300 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि वारदात के समय वहां पर वीरेंद्र का भतीजा गोविंद भी मौजूद था। इधर पूछताछ के दौरान राकेश भी टूट गया। उसने बताया कि उसने वीरेंद्र के कहने पर ही पिंकी की हत्या की। वीरेंद्र पिंकी से परेशान था। इस वजह से उसने राकेश व अपने भतीजे गोविंद को पिंकी की हत्या के लिए कहा। वारदात के समय जानबूझकर वीरेंद्र मां को अस्पताल ले गया था। इसके बाद पुलिस ने वीरेंद्र व गोविंद को गिरफ्तार कर लिया।
चेक बाउंस के बाद मनमुटाव
पूछताछ के दौरान राकेश अपना बयान बदल रहा था। ऐसा लग रहा था कि अपराध स्थल को भी तैयार किया गया था। पिंकी के परिवार ने अगस्त में पिंकी के पति राकेश और अन्य से उसकी जान को खतरा होने की आशंका व्यक्त करते हुए एक शिकायत दर्ज कराई थी। जो जांचकर्ताओं के दिमाग में चल रही थी। डीसीपी (उत्तर), सागर सिंह कलसी के अनुसार वीरेंद्र जो संस्कृत में पीएचडी है, ने इस साल 16 फरवरी को महिला से शादी की थी। पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण चेक के बाउंस होने के बाद वो खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा था।
पिंकी के भाई ने पुलिस को दी जानकारी
जांचकर्ताओं ने करीब 300 सीसीटीवी कैमरों से फुटेज की भी जांच की और उसके कॉल डिटेल रिकॉर्ड हासिल किए। एक अधिकारी ने कहा कि तकनीकी इनपुट राकेश के दावों का समर्थन नहीं कर रहे थे। उनसे लंबी पूछताछ के बाद उन्होंने आखिरकार वीरेंद्र और गोविंद की संलिप्तता का खुलासा किया। पिंकी के भाई मनवीर ने कहा कि उन्होंने शादी के दौरान आरोपियों की सभी मांगें पूरी कर दी थीं। हत्या के दिन मेरी बहन ने मुझे व्हाट्सएप पर सूचित किया कि गोविंद घर आया था और संदिग्ध व्यवहार कर रहा था।
सोते वक्त गला घोंट दिया
एक अधिकारी ने कहा ने बताया कि घटना वाले दिन गोविंद ने घर में दोस्ताना प्रवेश किया और फिर राकेश की एंट्री हुई। महिला अपने बिस्तर पर सो रही थी। आरोपी ने उसके कपड़ों से उसका गला घोंट दिया। फिर दोनों दूसरे दरवाजे से चुपचाप निकल गए। उन पर किसी का ध्यान नहीं गया। पुलिस के अनुसार वीरेंद्र अपनी मां को इलाज के लिए अस्पताल ले गया था जबकि उसके पिता जो घर पर थे मुश्किल से चल पा रहे थे क्योंकि वह बुजुर्ग थे। वीरेंद्र कुमार और गोविंद करीबी थे और दोनों अपनी पत्नी से छुटकारा पाने में उनकी मदद करने के लिए तैयार हो गए थे। वीरेंद्र की शादी के समय से ही गोविंद नाखुश था। उसे लगा कि उसके चाचा को धोखा दिया गया है और पिंकी उसके लिए परेशानी के अलावा और कुछ नहीं थी।’
फरवरी में हुई थी शादी
वीरेंद्र और पिंकी की फरवरी में शादी हुई थी। उस समय पिंकी के परिजनों ने सगाई के समय पांच लाख का चेक दिया था जो बाउंस हो गया था। इसके अलावा आरोप है कि शादी के बाद से ही पिंकी ने घर में खुद के फैसले थोपना शुरू कर दिया था। जिसकी वजह से वीरेंद्र और पिंकी के बीच अनबन रहने लगी। चूंकि राकेश वीरेंद्र का एहसान मानता था, इसलिए उसने पिंकी की हत्या करने की बात की। वीरेंद्र को बस इतना करना था कि राकेश के जेल जाने के बाद उसके परिवार का ख्याल रखने के अलावा उसकी जमानत करवानी थी। वहीं गोविंद ने पिंकी और वीरेंद्र का रिश्ता करवाया था, इसलिए वह भी वारदात में शामिल हुआ।