Death Anniversary | लोगों को बेहद डराते थे किशोर कुमार, आज भी याद किए जाते हैं उनके किस्से

मुंबई: बॉलीवुड के दिग्गज सिंगर-एक्टर किशोर कुमार के काम को आज भी याद किया जाता है। उन्होंने फिल्म की हर विधा में अपना हाथ आजमाया और सफल रहे। हालांकि वह अपनी लाइफ में हमेशा बिंदास और मस्त इंसान रहे। किशोर कुमार ने अपनी लाइफ में कई फिल्मों में काम किया और कई फिल्मों के लिए गाना गाया लेकिन 13 अक्टूबर 1987 में बॉलीवुड में सन्नाटा छा गया जब एक्टर ने हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया । आज किशोर कुमार की पुण्यतिथि है। इस मौके पर उनके कुछ दिलचस्प किस्सों के बारे में जानते हैं।

अपने शहर से करते थे बहुत प्यार
4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में किशोर कुमार का जन्म हुआ था।जन्म के बाद उनके पिता ने उनका नाम अभास कुमार गांगुली रखा था। लेकिन फिल्मी दुनिया में आने के बाद वे अभास कुमार से किशोर कुमार बन गए। गायक बनने से पहले किशोर हीरो थे उनकी पहली फिल्म श्शिकारीश् थी जो 1946 में रिलीज हुई थी। इसके बाद वे गाना की दुनिया में आ गए।उन्होंने पहली बार 1948 में देव आनंद की फिल्म श्जिद्दीश् में गाने का गाया था। किशोर कुमार दिल के भोले थे। उनको उपने शहर से बहुत लगाव था। वह कभी भी सार्वजनिक मंच पर या किसी समारोह में जाते थे तो गर्व के साथ अपने शहर खंडवा का नाम लेते थे। किशोर कहते थे खंडवा मेरे लिए स्वर्ग है। साल 1987 में किशोर कुमार ने फिल्मी दुनिया छोड़ अपने गांव खंडवा लौटने का फैसला किया था। लेकिन किसी को क्या पता था वे दुनिया ही छोड़ देगें। 13 अक्टूबर 1987 को उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह इस दुनिया से चले गए।

ये भी पढ़ें :-  छत्तीसगढ़ी फिल्म “संगी रे लहूत के आजा” के पोस्टर का हुआ विमोचन

फिल्म सेट पर किशोर की मस्ती
एक इंटरव्यू के दौरान किशोर कुमार के बेटे अमित ने बताया था कि एक बार जब उनकी फिल्म की शूटिंग खत्म हुई और यूनिट के लोग उनसे पैसे मांगने आए तो किशोर बोले ये इतना ज्यादा कैसे हो गया, इतना तो नहीं होना चाहिए, ये समझता क्या है अपने आप को डायरेक्टर, ऐसा तो नहीं होगा, मैं प्रोड्यूसर हूं चलो भगाओ इस डायरेक्टर को इतना ज्यादा खर्चा कर रहा है, कौन है डायरेक्टर?श् इस पर सबने कहा- आप ही तो हैं। इस पर किशोर बोले- अरे वो तो मैं ही हूं।

ऐसे बनाया मसूरी घूमने का प्लान
किशोर को अलग-अलग तरह के आइटम खरीदने का शौक था और एक बार वह ऐसे ही बाज़ार गए जहां अचानक मसूर की दाल देखकर उन्होंने तुरंत श्मसूरीश् घूमने का प्लान बना लिया। एक बार रेडियो की जानी मानी हस्ती अमीन सायानी ने बीबीसी को बताया कि किशोर बेहद मजेदार और शरारती भी थे। उन्होंने इंटरव्यू भी अमीन साहब को इसी शर्त पर दिया कि वह अपना इंटरव्यू खुद ही लेंगे। इसके बाद अमीन सायानी को दिए एक और इंटरव्यू में किशोर कुमार ने एसडी बर्मन के साथ पहली मुलाकात की नकल करके दिखाई थी।

जब अपने चौकीदार को डराया था
रुमा घोष, मधुबाला और योगिता बाली के बाद किशोर ने लीना चंद्रवरकर से चौथी शादी की थी। एक इंटरव्यू में लीना ने बताया कि किशोर बच्चों जैसे थे। कभी-कभी वह बारिश को देख इतना ख़ुश हो जाते मानो पहली बार देख रहे हों। उन्हें लोगों को चौंकाने में बहुत ही मजा आता था। वह विदेश से कई तरह के मुखौटे लाए थे। एक बार तो चेहरे पर मुखौटा लगाकर अपने चौकीदार को ही डरा दिया था।

ये भी पढ़ें :-  छत्तीसगढ़ी फिल्म “संगी रे लहूत के आजा” के पोस्टर का हुआ विमोचन
खबर को शेयर करें