RAIPUR | छत्तीसगढ़ की गर्माती सियासत का आखिर अंजाम क्या होगा? दिल्ली जा रहे विधायक आखिर क्या रणनीति बना रहे हैं?

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी विवाद में शुक्रवार को नया ट्विस्ट आ गया। दो दिन पहले दिल्ली पहुंचे एक दर्जन से ज्यादा विधायक शुक्रवार को रायपुर लौटने वाले थे। पहले उनका यह कार्यक्रम रद्द हुआ और फिर शाम होते-होते कम से कम आधा दर्जन विधायक फिर दिल्ली रवाना हो गए। इसके बाद से राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं फिर तेज होने लगी हैं। शुक्रवार को दिल्ली जाने वाले विधायकों ने कुछ भी साफ बताने से इनकार किया, लेकिन एकाध लोगों ने इशारों में यह बता दिया कि उन्हें बुलाया गया है।

शुक्रवार दोपहर तक खबरें आ रही थीं कि दिल्ली में दो दिन से जमे विधायकों को कोई तवज्जो नहीं मिल रही। पार्टी के किसी बड़े नेता की उनसे मुलाकात नहीं होने के बाद शुक्रवार को उनके रायपुर लौटने का कार्यक्रम तय था। दोपहर में पहले उनकी वापसी रद्द हो गई। फिर शाम को एक के बाद एक कम से कम छह विधायक रायपुर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हुए। जानकारी यह भी मिली है कि शुक्रवार देर रात कुछ और विधायक रवाना हो सकते हैं।

किसके बुलावे पर जा रहे, विधायकों ने चुप्पी साधी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थक माने जाने वाले ये विधायक किसके कहने पर और क्यों रुक गए, इसको लेकर कयास लग रहे हैं। शुक्रवार को दिल्ली जाने वाले विधायकों में से एक ने जरूर बताया कि वे बुलावे पर जा रहे हैं। मरवाही के विधायक केके ध्रुव ने कहा कि उन्हें दिल्ली में बैठे कांग्रेस विधायकों ने बुलाया है। दिल्ली में क्या करना है, वहां पहुंचने के बाद पता चलेगा। अन्य विधायक कुछ भी साफ कहने से बचते रहे। किसी ने निजी काम तो किसी ने परिचित के इलाज को कारण बताया।

कहीं फिर से शक्ति प्रदर्शन तो नहीं
अब तक यही माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने रहेंगे, लेकिन दिल्ली में विधायकों की बढ़ती संख्या को एक बार फिर उनके शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे कयास लगने लगे हैं कि पार्टी में किसी स्तर पर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चा चल रही है। सितंबर महीने में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के दिल्ली में कैंप करने के बाद जब आलाकमान ने बघेल को बातचीत के लिए बुलाया था, तब भी सीएम समर्थक करीब 50 विधायक दिल्ली पहुंच गए थे।

एक दिन पहले बघेल ने कहा- विधायक घूमने गए हैं
कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं की ओर से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई बयान नहीं आया। मुख्यमंत्री बघेल ने भी एक दिन पहले यही कहा था कि विधायक घूमने-फिरने के लिए दिल्ली गए हैं। इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखने की सलाह उन्होंने दी थी। हालांकि, इससे पहले सिंहदेव ने जरूर कहा था कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का मामला कांग्रेस आलाकमान के पास है और इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं आया।

सीएम पद के लिए चल रही रस्साकसी
राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर भूपेश बघेल और सिंहदेव के बीच लड़ाई चल रही है। लड़ाई का मुद्दा सीएम पद के लिए ढाई साल का कथित फॉर्म्युला है। सिंहदेव इसी आधार पर अपने लिए मुख्यमंत्री पद की मांग आलाकमान से कर रहे हैं

कड़े फैसलों में कितनी सच्चाई
कयासबाजियां बढ़ने का एक कारण ऐसी खबरें भी हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व श्राद्ध खत्म होने के बाद कुछ कड़े फैसले ले सकता है। छत्तीसगढ़ के अलावा पंजाब और राजस्थान नें भी पार्टी अंदरूनी संकट से जूझ रही है। इन फैसलों का संबंध छत्तीसगढ़ से है या नहीं, यह तो पता नहीं, लेकिन विधायकों की दिल्ली यात्रा से कुछ नए संकेत जरूर मिल रहे हैं।

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