BALOD | सगी बहन को कई बार बनाया हवस का शिकार, मरा बच्चा पैदा हुआ तो दफना दिया, ऐसे खुला करतूतों का राज

बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में दुष्कर्म के एक दोषी को न्यायालय ने 10 साल की कड़ी सजा दी है। दोषी युवक ने अपनी ही छोटी सगी बहन को हवस का शिकार बनाया था। दोषी ने एक या दो बार नहीं बल्की कई बार अपनी बहन से शारीरिक संबंध बनाए। भाई की हवस की शिकार बहन जब गर्भवती हो गई तो युवक ने उसे डरा-धमकाकर चुप करा दिया। पीड़िता को मरा बच्चा पैदा हुआ तो आरोपी ने उसे बगैर पुलिस को सूचना दिए ही उसे दफना दिया। नवंबर 2016 के इस मामले में बालोद जिला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) मुकेश कुमार पात्रो की कोर्ट ने बीते 29 सितंबर को निर्णय दिया है।

कोर्ट ने अपराध क्रमांक 108/2016 के मामले में दोषी को 10 साल जेल की सजा के साथ ही 5 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा भी सुनाई है। वारदात के वक्त आरोपी की उम्र 19 वर्ष थी। पीड़िता बहन नाबालिग थी। प्रकरण के मुताबिक जब घर में मां-पिता नहीं होते थे तो आरोपी खेलने के बहाने अपनी बहन को पिता के कमरे में ले जाता और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता। कई बार शारीरिक संबंध बनने के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई। फिर प्रसव पीड़ा होने पर नाबालिग को गुंडरदेही के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने मृत बच्चे को जन्म दिया। मामला अस्पताल में जाने के बाद पुलिस को भी सूचना दी गई। इधर दोषी भाई ने बच्चे को दफना दिया।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता से बयान लिया तो उसने बताया कि वो किसी कार्य से खेत खलिहान गई थी। इसी दौरान एक अज्ञात शख्स मुंह पर कपड़ा बांधकर आया और उसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया, जिससे उसका मासिक धर्म रूक गया। पुलिस को बयान पर शक हुआ तो उसने मृत नवजात के शव को कब्र से बाहर निकाला और डीएनए टेस्ट करवाया तब सही जानकारी पुलिस को मिली। इसके बाद बहन ने अपने बयान में बताया कि भाई की डर और लोकलाज के कारण उसने पहले गलत जानकारी पुलिस को दी थी। उसने अपने मां-पिता को भी भाई की करतूत नहीं बताई थी। इस मामले में गवाहों व तमाम पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने धारा 376, 506 व पॉक्सो एक्ट की धारा 5 (ढ) 6 के तहत निर्णय दिया है।

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