रमज़ान में रोगियों की सेवा करने का अवसर मिला जो सौभाग्य है
सूरत: कोरोना के बदतर हालात से गुजरते हुए हमारे देश भारत में कोरोना वॉरियर्स के किस्से हमें सुखद अनुभव और कोरोना से लड़ने की हिम्मत देते हैं. ऐसा ही एक किस्सा गुजरात की आर्थिक राजधानी कहलाने वाले शहर सूरत से निकल कर सामने आया है. यहाँ की एक नर्स चार महीने की गर्भवती है. साथ ही रमजान के पवित्र माह में रोज़े ( उपवास ) भी रख रही है. सूरत के हॉस्पिटल में कार्यरत इस कोरोना वॉरियर का नाम नैन्सी ऐयाज़ा मिस्त्री है. चार महीने की गर्भवती होने के बाद भी नैन्सी पुरे ज़ज़्बे के साथ मरीज़ों की सेवा कर रही है.
जब एक समाचार एजेंसी ने नैन्सी से बात चीत की तो उन्होंने कहा की ” प्रेग्नेंट होने के बाद भी वे रमजान में उपवास करते हुए कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी करती हैं. कोरोना खतरनाक रोग है, लेकिन इससे निपटने में हिम्मत मायने रखती है. उन्होंने कहा कि लोगों की सेवा करना हमारा फर्ज है और लोगों की सेवा को ही अपना धर्म मानती हूं.”
उन्होंने कहा की ” रमज़ान में रोगियों की सेवा करने का अवसर मिला जो की उनका सौभाग्य है. अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में नैन्सी बोलीं, “मेरे गर्भ में एक बच्चा है, लेकिन अभी मेरा कर्तव्य भी मेरे लिए महत्वपूर्ण है. ईश्वर की कृपा से मुझे रमज़ान के पवित्र महीने में रोगियों की सेवा करने का अवसर मिला है।” उन्होंने माना कि, उनके जैसे बहुत से कोरोना वॉरियर्स इसी तरह दिन रात एक कर मरीज़ों की सेवा कर रहे हैं.