BIG NEWS | 6 साल के शिवांश का हुआ था अपहरण, सात घंटे में अपहरणकर्ताओं को पुलिस ने दबोचा – जानिए मामला

रायगढ़: बिलासपुर रेंज में पुलिस टीम को एक बड़ी सफलता मिली है। कुछ ही घंटो में पुलिस द्वारा अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बच्चे को सकुशल छुड़ाने का मामला सामने आया है। बच्चे का नाम शिवांस है और वह कारोबारी का पुत्र है।

शनिवार की शाम खरसिया में अपने घर के बाहर खेल रहे 6 साल के शिवांश को किडनैप कर लिया गया। उसे उसके घर में काम करने वाले कुक ने बाइक पर बैठाया और फरार हो गया। जब घर वालों को बच्चा नहीं मिला तो रात करीब 8 बजे मामला पुलिस के पास पहुंचा। शुरुआती जांच में CCTV फुटेज पुलिस को मिला जिसमें खिलावन दास महंत नाम का कुक शिवांश को अपने साथ ले जाता नजर आया। बच्चे के घर वालों ने बताया कि खिलावन उनके घर पर कुछ महीनों पहले कुक के तौर पर काम कर रहा था। हाल ही में उसे काम से निकाला था। पुलिस मामले को समझ चुकी थी। अब खिलावन को ट्रेस करने का काम शुरू कर दिया गया।

सात घंटे में पूरा किया गया मिशन

पुलिस को पता चला कि खिलावन बच्चे को लेकर रांची की तरफ भाग रहा है। रायगढ़ के एसपी संतोष सिंह रातभर झारखंड के अलग-अलग जिलो के एसपी से फोन पर बात करते रहे। झारखंड के हर उस जिले में नाकेबंदी की जा रही थी जहां से खिलावन भाग रहा था। मगर शातिर ने बच्चे को लेकर आगे निकलता जा रहा था। इधर, रात के वक्त रायगढ़ से भी पुलिस की टीम खिलावन को पकड़ने निकल चुकी थी। दूसरी तरफ आरोपी बच्चों को लेकर भागता जा रहा था। आखिरकार झारखंड के खूंटी जिले में टीम ने इसे पकड़ लिया। इसके कुछ साथियों को भी गिरफ्तार किया गया है। मामले में आरोपियों से पूछताछ जारी है। रविवार देर शाम तक इस केस से जुड़े और अपडेट सामने आ सकते हैं।

25 लाख रुपए की फिरौती मांगने वाले थे

रायगढ़ एसपी संतोष सिंह ने बताया कि किडनैपिंग फिरौती के लिए की गई थी। शिवांश खरसिया के व्यापारी राहुल अग्रवाल का बेटा है। इनके घर काम करने वाला कुक खिलावन दास ही किडनैपिंग का मास्टरमाइंड है। हम उससे पूछताछ कर रहे हैं। अब तक यह पता चला है कि उसने रांची में रहने वाले अपने दोस्त के साथ मिलकर इस पूरी घटना को अंजाम देने की प्लानिंग की थी।

एसपी संतोष सिंह ने बताया शिवांश के बदले आरोपी करीब 25 लाख रुपए की फिरौती मांगने वाले थे। अपहरणकर्ता बच्चे को झारखंड ले जाकर वहां के प्रोफेशनल गैंग को सौंपने की तैयारी में थे। वह बच्चे के परिवार पर रुपए के लिए दबाव बनाने वाले थे, लेकिन टीम की मुस्तैदी की वजह से यह मुमकिन नहीं हो पाया।

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