VIRAL POST | क्या सच में 14 फरवरी को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को दी गयी थी फांसी, जानिए सोशल मीडिया में चल रहे मैसेजेस का सच

नई दिल्ली: 14 फरवरी हो और भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू की फांसी के मैसेज वायरल ना हो, यह नामुमकिन है। हर साल 14 फरवरी एक मैसेज सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होता है जिसमें दावा किया जाता है कि 14 फरवरी को ही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू 14 फरवरी को फांसी चढ़ाए गए थे। ऐसे में हमें वैलेंटाइन नहीं मनाना चाहिए। यह दावा अब इतना वायरल हो चुका है कि इसे लेकर अब विवाद होने लगे हैं। हर साल देश में सोशल मीडिया पर कई लोग 14 फरवरी को श्शहीद दिवसश् के तौर पर मनाने की मुहिम चलती है, लेकिन यह जानना बहुत जरूरी है क्या वाकई 14 फरवरी को ही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी दी गई थी?

अलग-अलग मैसेज में अलग-अलग दावे
कई मैसेज में यह लिखा है करोड़ों भारतीय 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाते हैं, पर इसी दिन अमर शहीद भगत सिंह राजगुरू और सुखदेव को लाहौर में फांसी की सजा सुनाई थी। यह बात हमारे युवा पीढ़ी व मीडिया चैनल भूल गए, इन शहीदों को शत शत नमन। कई मैसेज में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने की अपील की गई है।
 
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भगत सिंह की फांसी से जुड़े विकिपीडिया के पेज को भी कई बार गलत तथ्यों के साथ अपडेट करने की कोशिश की गई है जिसे बाद में विकिपीडिया ने खुद रोका है।

भगत सिंह को फांसी कब दी गई?

एम एस गिल की किताब ट्रायल्स दैट चेन्ज्ड हिस्ट्रीरू फ्रॉम सोक्रेट्स टू सद्दाम हुसैनश् के मुताबिक स्पेशल ट्राइब्युनल कोर्ट ने 7 अक्तूबर 1930 को भारतीय दंड संहिता की धारा 121 और 302 और एक्सप्लोसिव सबस्टैंस ऐक्ट 1908 की धारा 4(बी) और 6(एफ) के तहत भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की मौत की सजा का एलान किया।

इसके बाद हजारों की संख्या में लोगों ने एक मेमोरैंडम पर दस्तखत किया जिसे वाइसरॉय के पास भेजा जाना था। लोगों ने इसके जरिए सरकार से गुजारिश की कि भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को माफी दी जाए लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं हुआ और 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव  फांसी दे दी गई।

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