JAGDALPUR | देश की आजादी के महानायक महात्मा गांधी को कांग्रेस भवन में दी गई श्रद्धांजलि, उनके त्याग और बलिदान को किया गया याद

सोहेल रजा
जगदलपुर:
बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी (शहर) के द्वारा आज स्थानीय कांग्रेस भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि सादगी और गरिमा के साथ मनाई गई सर्वप्रथम उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें कांग्रेस परिवार द्वारा श्रद्धांजलि दी गई।

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते बताया कि देश की आजादी के महानायक मोहनदास करमचंद गांधी को आज ही के दिन शहीद किया गया था। 30 जनवरी भारत के इतिहास का अहम दिन है, आज ही के दिन सन 1948 की शाम में बिरला हाउस में नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी उम्र उस समय 78 वर्ष की थी। आपका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। आपने अपनी शुरुआती शिक्षा गुजरात से हासिल की और मुंबई यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की।

गांधी जी ने वकालत की पढ़ाई करने के लिए 4 सितंबर 1888 को लंदन गए। सन 1893 में गांधी जी एक साल के एग्रीमेंट पर दक्षिण अफ्रीका गए। वहां उन्होंने देखा कि भारतीयों के साथ बहुत ही अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है तथा वह खुद भी भेदभाव के शिकार हुए। गांधी जी 1916 में भारत लौटे अपना पूरा जीवन भारत के स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित कर दिया। स्वतंत्रता संग्राम में चंपारण आंदोलन उनकी पहली उपलब्धि थी जिसे 1918 में शुरू किया गया था।

आज हमें यह याद है कि देश की आजादी के महानायक मोहनदास करमचंद गांधी को नाथूराम गोडसे ने मारा था यदि वह नहीं मार पाया तो उनके दर्शन को। शायद यही वजह थी कि हत्या से पहले वह भी उनके आगे नतमस्तक हुआ था लेकिन हमने क्या किया साल के 2 दिन उनकी प्रतिमा या समाधि पर फूल चढ़ाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। वह एक ऐसे महान नेता थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति तक दे डाली आज हमारा भारत देश युग युग तक उनका ऋणी रहेगा। महात्मा गांधी ने देश की स्वतंत्रता को हासिल करने के लिए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ 1930 में सिविल अवज्ञा आंदोलन चलाया। जिसे दांडी यात्रा के नाम से जाना जाने लगा उसके बाद उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन चलाया और जिसे उनके जीवन का सबसे सफल और सबसे बड़ा आंदोलन कहा जाता है।

महापौर सफीरा साहू चित्रकुट ने कहा कि अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी ने इस देश को संवारने में अपनी पूरी जिंदगी गुजार दी आज इस देश में जो अमन और शांति है वह इन्हीं की ही देन है।

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