रायपुर :
राजधानी रायपुर के शहीद स्मारक भवन में 18 सितम्बर को नगरिय प्रशासन विभाग द्वारा नगर पालिका और नगर निगम के अध्यक्ष एवं महापौर के पदों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर घोषणा कर दी गई.
पूरी प्रक्रिया में सभी की निगाहें राजधानी के महापौर पद पर टिकी थी. तमाम परिणामों की घोषणा के बाद आखरी से चौथी पर्ची पर राजधानी के लिए अनारक्षित कोटे से सामान्य वर्ग पर चुनाव होने का निर्णय हुआ.
राजधानी तीसरी बार हुआ अनारक्षित
सन 2004 में रायपुर शहर नगर निगम पिछड़ा वर्ग कोटे में था. सन 2009 में महिला अनारक्षित हुआ इसके बाद सन 2014 में अनारक्षित के बाद इस बार फिर से 2019 में अनारक्षित सीट हो गई.
फिर से हॉट हुआ लोकल का मुद्दा
राजधानी में महापौर पद में अनारक्षित सीट की घोषणा होते ही लोकल का मुद्दा फिर से हॉट हुआ है. सभी राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा स्थानीय को प्राथमिकता की सुगबुगाहट जोरो से हो रही है. कार्यकर्ताओ का कहना है की छत्तीसगढ़ी मूल के नेता को ही महापौर पद की बागडौर दी जनि चाहिए.