नई दिल्ली: भारत और राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। भारत में कोरना वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में पहुंच गया है। भारत में वैक्सीन विकसित कर रहे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने बात करते हुए इसकी पुष्टि की है।
पूनावाला ने कहा, हम अंतिम चरण में हैं। सभी 1600 वॉलिंटियर्स पर आवश्यक दर्जनों COVISHIELD वैक्सीन की टेस्टिंग की जा चुकी है। अब अगले 28 दिनों तक इसकी निगरानी की जाएगी। बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च भारत में के नाम से वैक्सीन विकसित कर रहा है। इसके लिए तीन चरणों में टेस्टिंग की जा रही है।
आईसीएमआर और एसआईआई ने नोवावैक्स को यूएसए द्वारा विकसित कोवोवैब्स(नोवावैक्स) के आधार पर बनाया है। अमेरिका की मदद से इसे एसआईआइद्वारा अपग्रेड किया जा रहा है ताकि इसके प्रभाव को और बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा महामारी के प्रकोप को कम करने में सहयोग करने वाले निजी-सार्वजनिक संस्थानों का यह एक आदर्श उदाहरण है।
आईसीएमआर ने क्लिनिकल ट्रायल की फीस दी है जबकि एसआईआईआई ने COVISHIELD के लिए अन्य खर्चों को फंड किया है। वर्तमान में, एसआईआई और आईसीएमआर देश भर में 15 विभिन्न केंद्रों पर COVISHIELD के चरण 2/3 का परीक्षण कर रहे हैं। इसने 31 अक्टूबर 2020 को सभी 1600 वॉलिंटियर्स का नामांकन पूरा कर लिया गया है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, “वर्तमान में, भारत वैश्विक स्तर पर टीका विकास और विनिर्माण में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। नवीनतम तकनीक और अच्छी तरह से सुसज्जित सुविधाओं से उत्साहित, एसआईआई ने लगातार अपने शोध और विनिर्माण कौशल को साबित किया है. यह साझेदारी कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को बढ़ावा देने के लिए हमारा योगदान है. ”