रायपुर: कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए समय-समय पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी किये जाने वाली गाइडलाइन, नियमों आदि का पालन आवश्यक है। इस महामारी के खिलाफ एम्स पूरी मेहनत के साथ लड़ रहा है, आम लोगों की सहभागिता भी आवश्यक है जिनका जागरुक रहना आज बहुत आवश्यक है। यह बातें एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन नागरकर ने मैट्स विशवविद्यालय, रायपुर द्वारा आयोजित ऑनलाइन इंटरएक्टिव सेशन में कहीं।
मैट्स विशवविद्यालय के स्कूल ऑफ़ बिज़नेस स्टडीज़ के विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश गुप्ता ने बताया कि विभाग द्वारा कोविड-19 के प्रभाव विषय को लेकर ऑनलाइन स्टूडेंट एक्सपर्ट टॉक एंड इंटरेक्टिव सत्र का आयोजन किया गया। यह सत्र महामारी कोरोना वायरस के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं और इसके खिलाफ लड़ने के तरीके पर आधारित था। इस सत्र का आयोजन मैट्स विश्वविद्यालय के सभी सेमेस्टर विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए किया गया था। इस सत्र के विषय विशेषज्ञ एवं मुख्य वक्ता अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. नितिन नागरकर थे जिन्होंने कोरोना महामारी की स्थिति एवं बचाव पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा अनेक महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कीं।
उन्होंने बताया कि इस महामारी के खिलाफ एम्स रायपुर द्वारा इलाज के साथ-साथ आम लोगों को बचाव के लिए जागरुक भी किया जा रहा है। आम जनता को समझाया जा रहा है कि कुछ सामान्य बातों की सावधानी रखी जाए तो कोरोना वायरस का सफलतापूर्वक सामना किया जा सकता है और बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की जाने वाली गाइडलाइन का पालन करें, मास्क, सोशल डिस्टेंस, सेनेटाइजर आदि का उपयोग करें और सकारात्मक सोच रखें।
सत्र की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश गुप्ता ने की। इस अवसर पर मैट्स विशवविद्यालय के कुलाधिपति गजराज पगारिया, उपकुलपति डॉ.दीपिका ढांढ, महानिदेशक प्रियेश पगारिया ने आभार व्यक्त करते हुए इस ज्ञानवर्धक सत्र के आयोजन की सराहना की। मैट्स विशवविद्यालय के कुलसचिव गोकुलानंद पंडा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस इंटरएक्टिव सेशन में विद्यार्थियों एवं अभिभावकों द्वारा पूछे गये विभिन्न सवालों का डा. नागरकर ने पूरे उत्साह के साथ जवाब भी दिया। इस सत्र में मैट्स विशवविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे.