नई दिल्ली: आईपीएल को अब चीनी मोबाइल कंपनी वीवो स्पाॅन्सर नहीं करेगी। बीसीसीआई ने वीवो के साथ हुए करार को खारिज कर दिया है। बोर्ड के द्वारा बयान जारी कर इसकी जानकारी दी गयी है। आपको बता दें कि इस दफे आईपीएल यूएई में 19 सितंबर से 10 नवंबर तक होना है।
दरअसल वीवो ने 2018 में 2190 करोड़ रुपए में 5 साल के लिए आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप डील साइन की थी और यह यह करार 2022 में खत्म होता। इस करार के अनुसार वीवो बीसीसीआई को हर साल 440 करोड़ रुपए भी देता है।
नया टेंडर होगा जारी, वीवो के साथ नहीं हो सकता करार
इस साल के लिए बीसीसीआई टाइटल स्पॉन्सर के लिए नया टेंडर जारी करेगी। यह भी हो सकता है इस साल करार होने के बाद आईपीएल और वीवो के बीच अगले साल 2021 से 2023 तक के लिए नया करार हो सकता है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार वीवों के साथ करार खत्म होने पर फ्रेंचाइजियों को भारी नुकसान होगा, क्योंकि उन्हें स्पॉन्सरशिप डील में से एक हिस्सा मिलता था। 440 करोड़ में से इसमें से आधा पैसा सभी आठों फ्रेंचाइजियों में बराबर बंटता था। यानी हर एक फ्रेंचाइजी को हर साल 27.5 करोड़ रुपए मिलता था।
फ्रेंचाइजियों ने दर्ज की थी नाराजगी
आपको बता दें कि रविवार को हुई आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में वीवो के साथ करार जारी रखने का फैसला हुआ था पर इसके अगले दिन सभी फ्रेंचाइजियों के साथ बैठक में ज्यादातर ने वीवो के साथ करार जारी रखने पर नाराजगी जताई थी। यही नहीं राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) और उससे जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने आईपीएल के बायकॉट की बात कही थी। पिछले साल वीवो ने आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर पर 2,190 करोड़ खर्च किए थे। आईपीएल के एक सीजन में चीन के टीवी ब्रांड का 127 करोड़ का बजट होता है।