FRIENDSHIP DAY SPL | चंद सालों की नहीं, ताउम्र निभेगी ये दोस्ती, दोस्तों की अनमोल कहानी, उनकी ही जुबानी…

रायपुर: दोस्ती, वह रिश्ता जो हर किसी के लिए बेहद खास होता है। दोस्ती वह रिश्ता है जिसे ऊपर वाले ने नहीं बनाया बल्कि अपने दोस्त को हम खुद चुनते हैं। उम्र के साथ दोस्ती के मायने भी बदल जाते हैं। कभी स्कूल के दोस्त काॅलेज तक साथ नहीं रह पाते, तो काॅलेज के दोस्त नौकरी के कारण बिछड़ जाते हैं। कुछ ताउम्र साथ निभाते हैं तो कुछ नाम के ही दोस्त होते हैं। इन सबके बीच नहीं बदलती है तो दोस्ती की परिभाषा, दोस्ती के खास दिन पर हम आपके लिए लेकर आए हैं दोस्ती के ऐसे ही अनमोल किस्से-

एक के बिन अधूरा है दूसरा, सबकुछ छूटा पर दोस्ती नहीं छोड़ी

अपनी दोस्तों को याद करते हुए वीएमएस में कार्यरत एचआर मैनेजर अंबिका दास के होंठों पर मुस्कान तैर जाती है। वह कहते हैं कि मैं, किशोर बराल, प्रीती रंजन स्वाइन और हमारा एक दोस्त जो अब इस दुनिया में नहीं रहा रंजन पटनायक, हमें हमारी शैतानियों की लिए जाना जाता था। हम सब सुनाबेड़ा उड़ीसा के ऐरोनाॅटिकल एजुकेशन सोसायटी में साथ पढ़ा करते थे। स्कूल के बाद सबने अलग-अलग काॅलेज चुन लिया लेकिन दोस्ती नहीं छोड़ी। आज प्रीती रंजन एक कामयाब फाइनेंशियल एडवाइजर है और वहीं किशोर इंडियन एयरफोर्स के लिए काम कर रहा है। रंजन 3 साल पहले ही दिवंगत हो गया, वो हमारी जिंदगी में सबसे बड़ी कमी छोड़ गया। हम सब अलग-अलग जगहों पर हैं लेकिन मिलने का बहाना ढूंढ ही लेते हैं। जब मिलते हैं तो बचपन के दिनों को याद करके खूब हंसते हैं, कहना गलत नहीं होगा हम दुबारा बच्चे ही बन जाते हैं। हमारी दोस्ती की खास बात यह है कि एक के बिना दूसरा अधूरा है और ये हमारी दोस्ती यूएसपी है।

दिल की डोर से बंधा है रिश्ता, ताउम्र यूं ही साथ रहेगा

शाम के 6 बजते और मैं शानू के घर की राह लेती। ये रोज की ही रूटीन थी, शाम की चाय साथ पीना और ढेर सारी गप्पे मारना। जब तक मां आवाज नहीं देती, हमारी बातें ही चलती रहती। आज भी शाम के 6 बजे चाय पीती हूं तो शानू याद आने लगती है- ये कहना है रायपुर में रहने वाली आरती दीवान का। अपनी दोस्ती के बारे में वह कहती हैं कि आज हमारी दोस्ती को 25 साल हो गए हैं। वो हमारे घर के पास ही रहती थी। फिल्म देखना, सब्जी लेने जाना, यहां तक की यदि एक को काम हो तो दूसरा भी साथ चल पड़ता। उसकी शादी बिलासपुर में हुई लेकिन आज भी हम चैटिंग और दूसरे जरिए से काॅन्टेक्ट में रहते हैं। वहीं मेरे जीवन में दूसरी और प्यारी दोस्त बनकर आयी मेरी भाभी शालिनी शर्मा। हमारा रिश्ता ननद-भाभी का नहीं, सहेलियों जैसा है। सुख-दुख साझा करने वाली मेरी भाभी और मेरा रिश्ता दिल से जुड़ा है। परिवार में जो भी हमें देखता है, वह यही कहता है कि दोस्ती हो तो आरती-शालिनी जैसी। दोस्ती के इस खास मौके पर ईश्वर से यही प्रार्थना करती हूं कि हमारी दोस्ती को किसी की नजर न लगे और ताउम्र हम यूं ही साथ रहे।

लाॅकडाउन में भी वीडियो काॅलिंग के जरिए रहते हैं कनेक्ट

25 साल से जीवन के हर डगर के साथी राजकुमार मंडल, प्रकाश सोनी और मोहन सोलंकी की दोस्ती ऐसी है कि किसी चौथे ने इनके बीच अपनी जगह ही नहीं बनाई। स्कूल की दोस्ती इतने सालों बाद आज भी वही नयापन लिए हुए है जो पहले थी। उनकी ये दोस्ती सिर्फ उन तक सीमित नही है बल्कि उन तीनों के परिवार भी, इतने सालों से एक मजबूत रिश्ते से बंधे हुए हैं। तीनों ही अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े हुए हैं लेकिन रोज शाम को इनका मिलना तय है। राजकुमार बताते हैं कि तीनों एक दूसरे पर इतना भरोसा करते हैं कि किसी तरह की गलतफहमी की कोई गुंजाइश ही नहीं है। तीनों के बीच किसी बात को लेकर मतभेद हुआ भी है तो मनभेद कभी नहीं हुआ। कोरोना काल और लॉकडाउन में वो लोग घर से नहीं निकलते लेकिन अपने मिलने की आस को वीडियो कॉलिंग के जरिए पूरी कर लेते हैं।

ये दोस्ती हमारी अल्लाह को पसंद है, भगवान को है प्यारी

पेशे से इवेंट मैनेजर बंटी चंद्राकर दोस्ती के खास दिन पर अपने स्कूल के दोस्त अमिय तिवारी को बहुत याद करते हैं। बंटी बताते हैं कि भारत माता स्कूल में हमारी दोस्ती हुई। हमारा याराना ऐसा था कि यदि एक ने होमवर्क नहीं किया तो दूसरा भी अपनी काॅपी टीचर को नहीं दिखाता था ताकि सजा दोनों को साथ मिल सके। यदि एक का पढ़ाई में मन नहीं लगा तो दूसरा भी अपनी क्लास छोड़ देता था। हम भाग कर 1. 50 रूपये में वीडियो पार्लर में फिल्म देखने जाया करते थे। आज अमिय दिल्ली में मल्टीनेशनल कंपनी में मार्केटिंग डायरेक्टर है। रोजाना फोन पर बात होती है और साल में एक बार हम दोनों अपनी फैमिली के साथ हिल स्टेशन जाते हैं। दोस्ती के खास दिन पर वो गीत हमेशा याद आता है- “ये तेरी मेरी यारी, ये दोस्ती हमारी, अल्लाह को पसंद है, भगवान को है प्यारी”।

जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा

रायपुर में रहने वाली रवीना गौर और उसके 10 दोस्तों ने दोस्ती के अहसास को खूबसूरत कविता में पिरोया है। स्कूल की दोस्ती काॅलेज में भी बरकरार है। उनका कहना है कि दोस्तों से ही जिंदगी और जिंदगी दुबारा नहीं मिलती, उनके द्वारा स्वचरित कविता-
दोस्ती हमेशा दीये की तरह चमकना चाहिए, और हमारे पास उसका अर्थ दीपिका है।
दोस्ती खुशियों से भरी होनी चाहिए, और हमारे खुशियों से भरी हर्षा है।
दोस्ती हमेशा सोने की तरह चमकनी चाहिए, और हमारे पास सोने सी हेमा है।
दोस्ती के बहुत से नियम है , और हमारे पास इस नियम को जोड़े रखने वाली नीतिका है।
दोस्ती प्यार से भरी हुई होती है, और हमारे पास उस प्यार का अर्थ प्रिया है
दोस्ती में हमेशा पायल के जैसी छनकार होनी चाहिए, और हमारे पास उसी की तरह छनकती पायल है।
दोस्तों के बीच पूरब और सूरज के जैसा रिश्ता होना चाहिए, और वो रिश्ता हम सबके बीच हमारी पूरब पूर्वी के कारण है।
दोस्ती हमेशा सूर्य के किरणों के जैसी खुबसूरत होनी चाहिए और हमारी दोस्ती की वो खुबसूरती रवीना है।
दोस्ती हमेशा चाँद की तरह चमकनी चाहिए, और हमारे पास हमारी चाँद रश्मिता है
दोस्ती का हर लम्हा एक चिड़िया की उड़ान की तरह होता है, और हमारी वह उड़ान सारिका है ।

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