नई दिल्ली : पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की दवा कोरोनिल पर राजस्थान सरकार के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने भी प्रतिबंध लगा दिया है। महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, ऐसे में महाराष्ट्र में इस दवा की बिक्री पर रोक रहेगी।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, जयपुर यह पता लगाएगा कि क्या पतंजलि के ‘कोरोनिल’ का क्लीनिकल ट्रायल किया गया था। हम बाबा रामदेव को चेतावनी देते हैं कि हमारी सरकार महाराष्ट्र में नकली दवाओं की बिक्री की इजाजत नहीं देगी।’
आवेदन में कोरोना का जिक्र नहीं
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा मंगलवार को कोरोना के इलाज के लिए ‘कोरोनिल’ दवा लॉन्च किया गया। जिसके कुछ घंटे बाद ही आयुष मंत्रालय ने विज्ञापन पर रोक लगा दी और दवा से संबंधित सभी विवरण की मांग की। इसी कड़ी में बुधवार को उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग के लाइसेंस अधिकारी ने कहा है कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने आवेदन में सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाने, खांसी और बुखार के लिए लाइसेंस के मंजूरी की मांग की थी। कंपनी द्वारा किए गए आवेदन में कोरोना वायरस का उल्लेख नहीं था। विभाग ने कहा है कि कंपनी को इस बाबत नोटिस जारी कर पूछा गया है कि कोरोना किट बनाने की अनुमति उन्हें कैसे मिली?
राजस्थान में रोक
आयुष मंत्रालय की आपत्ति के बाद राजस्थान पहला राज्य बना था, जिसने बाबा रामदेव की दवा कोरोनिल की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है। राजस्थान सरकार ने अपने आदेश में कहा कि केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की मंजूरी के बिना कोविड-19 महामारी की दवा के रूप में किसी भी आयुर्वेदिक औषधी का विक्रय नहीं किया जा सकता।राजस्थान सरकार ने कहा कि कोविड-19 महामारी के उपचार की दवा के रूप में किसी भी औषधी का विक्रय पाए जाने पर विक्रेता के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। इससे पहले केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने रामदेव के दावों पर प्रश्न खड़े कर दिए थे। विज्ञापन पर रोक लगाया गया और दवा की जांच की बात कही गई है। पतंजलि से दवा के बारे में जानकारी मांगी गई।
समीक्षा के बाद ही रुख साफ करेगा मंत्रालय: आयुष मंत्री
इससे पहले पतंजलि की कोरोना वायरस की दवा बनाने के दावे पर आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि उनका मंत्रालय पतंजलि की नई लॉन्च की गई आयुर्वेदिक दवाओं ‘कोरोनिल एंड स्वेसरी’ पर उनके द्वारा भेजी गई रिपोर्ट की समीक्षा के बाद ही अपना रुख साफ करेगा। आयुष मंत्री नाइक ने कहा कि यह अच्छी बात है कि बाबा रामदेव ने देश को कोरोना के लिए एक नई दवा बनाई है, लेकिन नियम के मुताबिक पहले आयुष मंत्रालय आना जरूरी है। कंपनी ने रिपोर्ट भेजी है जिसे देखने के बाद अनुमति दी जा सकती है।