वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गंगा विलास क्रूज को वर्चुअली हरी झंडी दिखाया. वाराणसी के रविदास घाट से यह क्रूज अपने 31 यात्रियों को लेकर रवाना हो गया. सभी यात्री 51 दिन की यात्रा पर निकल गए हैं. इस दौरान यह क्रूज 50 जगहों से होकर गुजरेगा, जिसमें पर्यटकों को न सिर्फ गंगा के किनारे दिखेंगे, बल्कि यहां की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी.
गंगा विलास क्रूज में जिम, स्पा सेंटर, लेक्चर हाउस, लाइब्रेरी है. 40 क्रू मेंबर भी क्रूज में सवार लोगों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए रहेंगे. गंगा विलास क्रूज में 31 यात्रियों को फाइव स्टार होटल से ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी. इस जहाज को विशेष रूप से वाराणसी और गंगा बेल्ट के धार्मिक पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करने के साथ डिजाइन किया गया है.
मंगलवार को 31 स्विस मेहमानों का जत्था काशी पहुंचा और गंगा विलास क्रूज पर सवार हुआ. स्विस और जर्मन मेहमान देश के सबसे लंबे रिवर क्रूज गंगा विलास क्रूज पर सवार हुए. भारत में जल परिवहन की सबसे लंबी और रोमांचकारी नदी क्रूज यात्रा 13 जनवरी 2023 को वाराणसी से रवाना होगी.
यह यात्रा कुल 3200 किलोमीटर की होगी. 51 दिनों की यह यात्रा भारत और बांग्लादेश की 27 नदी प्रणालियों से होकर गुजरेगी. यह यात्रा विश्व धरोहर से जुड़े 50 से अधिक स्थानों पर रुकेगी. यह सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान सहित जलयान राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों से भी गुजरेगा.
क्रूज उच्च तकनीक सुरक्षा, सीसीटीवी निगरानी और पूर्ण लक्जरी सुविधाओं से भी सुसज्जित है. यात्रा उबाऊ न हो, इसलिए क्रूज पर संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिम आदि की सुविधाएं होंगी. जर्मनी के पर्यटक सिल्विया ने कहा कि वाराणसी से नदी की सवारी के माध्यम से यह एक अविश्वसनीय अनुभव रहा है और गंगा नदी की यात्रा के लिए वह उत्साहित हैं.
क्रूज की सवारी के लिए आपको हर दिन का किराया 50000 रुपये देना होगा. यानी एक आदमी अगर 51 दिन का सफर करता है तो उसे 25 लाख रुपये देना होगा. यह वाराणसी से कोलकाता तक एक तरफ की सवारी या वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक की यात्रा कराएगा. पर्यटक इस क्रूज को वेबसाइट के माध्यम से बुक कर सकते हैं लेकिन शुरुआत में मांग बहुत अधिक है, और जहाज एक वर्ष में पांच यात्राएं करेगा.