बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 50 हजार रुपए की सुपारी देकर अधेड़ की हत्या कराने का मामला सामने आया है। युवक ने अपने ममेरे भाई को पत्नी से अवैध संबंध बनाते देख लिया था। इसलिए उसने उसकी हत्या करा दी। युवक ने दो लोगों की हत्या की सुपारी दी थी। तीन दिन पहले अधेड़ की हत्या कर लाश को तालाब में फेंक दिया गया। तालाब में अधेड़ की लाश मिली और पुलिस ने जांच कर मुख्य आरोपी से पूछताछ की, तब हत्या का राज खुला। मामला तखतपुर थाना क्षेत्र का है।
खम्हरिया निवासी सुंदरलाल कौशिक (52) 22 सितंबर को दोपहर देवरी गांव में रहने वाले अपने फुफेरे भाई विनय कौशिक (32) के घर जाने के लिए निकला था। इसके बाद वह वापस घर नहीं आया। देर रात तक परिजन उसकी तलाश करते रहे। लेकिन, वह नहीं मिला।
ममेरे भाई पर इसलिए हुआ शक
सुंदरलाल का कोई पता नहीं चलने पर परिजनों ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस लापता का केस दर्ज कर सुंदरलाल की तलाश कर रही थी। इस बीच 24 सितंबर को गांव के शिव तालाब की झाड़ियों में ग्रामीणों ने सुंदरलाल का शव देखा। इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस गांव पहुंच गई। पूछताछ में पता चला कि सुंदरलाल कौशिक अक्सर अपने ममेरे भाई विनय के घर जाता था। घटना के दिन भी वह भाई के घर जाने के लिए निकला था। इसके बाद उसका कुछ पता नहीं चला और उसकी लाश मिली। इसी संदेह के आधार पुलिस ने विनय कौशिक से पूछताछ की। वह गोलमोल जवाब देने लगा, तब पुलिस का शक गहरा गया और उससे सख्ती से पूछताछ की गई।
पत्नी से अवैध संबंध बनाने पर सुपारी देकर कराई हत्या
TI एसआर साहू ने बताया कि मुख्य आरोपी विनय ने पूछताछ में बताया कि वह गांव में खेती-किसानी करता है। सुंदरलाल उसका ममेरा भाई था। वह उसकी खेती का काम देखता था और हमेशा घर आना-जाना करता था। उसने विनय की पत्नी से अवैध संबंध बना लिया था। इसकी जानकारी होने के बाद विनय ने उसकी हत्या करने की योजना बनाई। उसने गांव के ही दो चंद्रपाल कौशिक और पिल्लू कौशिक को साजिश में शामिल किया और उन्हें 50 हजार रुपए में हत्या की सुपारी दे दी।
रात में घर लौटते समय गला दबाकर मार डाला और तालाब में फेंक दी लाश
विनय से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने चंद्रपाल कौशिक और पिल्लू कौशिक को दबोच लिया। उन्होंने पूछताछ में बताया कि सुंदरलाल रात में जब अपने घर लौट रहा था। तभी रास्ते में तालाब के पास उन्होंने उसे रोक लिया और गला दबाकर उसे मार डाला। इसके बाद शव को तालाब की झाड़ियों में फेंककर अपने घर चले गए।