30 फीसदी सरकारी टीचर शराब पीकर पढ़ाने जाते हैं स्कूल, अजीत जोगी बोले- ‘साढ़े 3 करोड़ पहुंचता है रोज आकाओं को’

रायपुर : शराबबंदी को लेकर एक बार फिर से बड़ी बहस छिड़ गई है. इस मामले में पूर्व सीएम व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के सुप्रीमो अजीत जोगी ने एक बड़ा बयान दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जोगी ने कहा कि- ‘इस शराब के मुनाफे के साढ़े तीन करोड़ रुपये रोज पिछले दरवाजे से आकाओं के वहां पहुंचाया जा रहा है.’ इसके अलावा उन्होंने कहा है कि प्रदेश के आदिवासी इलाकों में 25 से 30 फीसदी शिक्षक तो बगैर शराब के सेवन के स्कूलों में पढ़ाने ही नहीं जाते.

मैदानी इलाकों में भी लगभग यही स्थिति है. फिर भी सरकार शराबबंदी न करने के बहाने ढूंढ रही है. क्योंकि शराब बेचने से कई नेताओं को वैध और अवैध दोनों तरह से कमाई हो रही है.

गौरतलब है कि कोहरौदा मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षकों पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने मिड डे मील की रसोई में मछली पकाई. जबकि मेन्यू में मछली पकाना शामिल नहीं है. इतना ही नहीं बच्चों के सामने ही मछली चावल खाकर शराब भी पी. मंगलवार को इसकी सूचना मिलने पर पूर्व सीएम अजीत जोगी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा.

इसके अलावा पूर्व सीएम अजीत जोगी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शराब बिक्री में बड़ा गोलमाल किया जा रहा है. शराब की बिक्री कॉर्पोरेशन के बिना ही सीधे शराब दुकानों में जा रही है. फैक्ट्री से सीधे शराब दुकानों में सप्लाई हो रही है. शराब के बेचने पर सरकार का नियंत्रण नहीं रह गया है. इस शराब के मुनाफे के साढ़े तीन करोड़ रुपये रोज पिछले दरवाजे से आकाओं के वहां पहुंचाया रहा है.

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