JAGDALPUR | नक्सलियों का सामना करने 3 हजार फाइटर्स हुए तैयार, नक्सलियों ने इनकी आंखों के सामने ही अपनों को तड़पा-तड़पाकर मारा था

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों से लोहा लेने के लिए जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा ‘बस्तर फाइटर्स’ नाम की स्थानीय युवाओं की एक नई टीम को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें संभाग के सातों जिलों में 400-400 युवाओं को भर्ती किया जा रहा है।

जिला व पुलिस प्रशासन ने बताया कि मंगलवार को दंतेवाड़ा में पंजीयन करा चुके तीन हजार से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षण देने का काम भी शुरू हो चुका है। इन युवाओं में से 23 युवा ऐसे भी हैं, जिनकी आंखों के सामने ही नक्सलियों ने किसी की मां तो किसी के पिता को बेरहमी से मार डाला था।

ये सभी 23 युवा दंतेवाड़ा जिले के धुर नक्सल प्रभावित पाहुरनार, नीलावाया, गुड़से, चिकपाल, मारजुम, पोटाली, बुरगुम, अरनपुर, बड़े गुडरा, समेली व कासोली गांव के हैं। इन 23 युवाओं में 18 लड़के और पांच लड़कियां शामिल हैं। 

इन युवाओं ने कहा, हम चाहते तो कोई दूसरा काम कर के अपनी जिंदगी गुजार सकते थे। लेकिन जिस तरह से नक्सलियों ने हमारे बेकसूर माता-पिता की बेरहमी से हत्या कर हमें अनाथ बनाया है, हमें उसका बदला लेना है। यह तब संभव होगा जब हमारे जिस्म पर खाकी वर्दी व हाथों में हथियार होंगे। इसलिए हम ‘बस्तर फाइटर्स’ फोर्स में भर्ती होने के लिए पहुंचे हैं।

‘बस्तर फाइटर्स’ फोर्स में भर्ती होने के लिए 3100 युवाओं ने करवाया रजिस्ट्रेशन
‘बस्तर फाइटर्स’ फोर्स में भर्ती के लिए मंगलवार को दंतेवाड़ा जिले के चारों विकास खंड के नक्सल प्रभावित गांवों के कुल 3100 से ज्यादा युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया। इनमें 680 से ज्यादा युवतियों ने भी हिस्सा लिया। इन्हें पुलिस व जिला प्रशासन द्वारा अब ट्रेनिंग दी जाएगी। इनमें से नक्सल प्रभावित इलाके के 500 युवा पुलिस कैंप में रहकर तो अन्य सभी घर से रोज जिला मुख्यालय आकर प्रशिक्षण लेंगे। दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी, एसपी डॉ अभिषेक पल्लव व विधायक देवती कर्मा की उपस्थित में प्रशिक्षण कार्य शुरू हो गया है।

बस्तर फाइटर्स क्या है?
छत्तीसगढ़ सरकार ने बजट में बस्तर फाइटर्स के लिए घोषणा की थी। इसके तहत बस्तर फाइटर्स में 2800 मूल युवाओं की भर्ती होनी है। सरकार इनके पीछे हर साल 92 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बस्तर टाइगर्स की एक खास बात यह है कि इसमें सिर्फ उन्हीं युवाओं की भर्ती की जा रही है, जो बस्तर के ग्रामीण और अंदरूनी क्षेत्र के हैं। जिन युवाओं को इनमें मौका मिलेगा, वे बचपन से जंगलों में शिकार कर रहे हैं और उन्हें जंगल के चप्पे-चप्पे की जानकारी पहले से है।

एसपी डॉ अभिषेक पल्लव कहा, जिले की बदलती हुई तस्वीर
दंतेवाड़ा के एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने कहा कि जिले में 3100 से ज्यादा युवा पुलिस में भर्ती होने के लिए आए हैं। भर्ती से पहले सभी युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। फोर्स में भर्ती होने के लिए युवतियों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। यह जिले की बदली हुई तस्वीर है। बस्तर संभाग के सुकमा जिले में भी 2600 से ज्यादा युवाओं ने ‘बस्तर फाइटर्स’ में भर्ती के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। सुकमा के एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि जिले के अंदरूनी इलाकों के युवा भी अब पुलिस फोर्स में भर्ती के लिए दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यह नक्सलवाद की टूटती हुई कमर है। पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ रहा है।

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