VIDEO : 23 हाथियों की मौजूदगी से गरियाबंद के इस इलाके में है दहशत

वन विभाग ने की पुष्टि

फारूक मेमन गरियाबंद

गरियाबंद- इस वक्त की बड़ी खबर गरियाबंद के छुरा इलाके से आ रही है, 23 हाथियों का बड़ा दल छुरा से महज 15 किलोमीटर दूर तक पहुंच चुका है यह दल बागबाहरा इलाके से आया है और जंगल में काफी उत्पात मचा रहा है हाथियों के चिन्घाड़ने से इलाके के ग्रामीण डरे हुए हैं, इलाके के लोगों का इस विशालकाय वन्यजीव के साथ पुराना अनुभव अच्छा नहीं रहा है यही कारण है कि इस इलाके के ग्रामीण जंगल की ओर जाने से डर रहे हैं

ऐसा माना जा रहा है कि छुरा विकास खण्ड के ग्राम जामली कुड़ेमा के जंगलों में स्थित  छोटे बांध में  हाथी  कुछ समय बिताएंगे आज ग्रामीणों ने  23 हाथियों को आज ग्रामीणों द्वारा ढलते शाम को देखा गया । यह क्षेत्र वन विभाग छुरा के अंतर्गत आता है । हाथियों द्वारा कोई भी नुकसान अभी तक नही किया गया है मगर ग्रामीणों डरे हुए हैं

हाथियों ने फिलहाल नहीं किया है कोई नुकसान – अशोक भट्ट

अशोक भट्ट
वन परिक्षेत्र अधिकारी


छूरा वन परिक्षेत्र अधिकारी अशोक भट्ट से चर्चा करने पर उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि आज सुबह से हाथियों के मुंमेंट की जानकारी है यह वही दल है जो कुछ दिन पहले आरंग से महासमुंद की ओर गया था अब बागबाहरा से होकर छूरा के जंगल में पहुंचा है वन विभाग द्वारा लगभग 8 से 10 कर्मचारी हाथियों पर नजर रखने के लिए भेज दिया गया है औऱ यह दल जो महासमुंद में विचरण करता रहा ये वही दल के हाथी बताये जा रहे हैं ।फिलहाल ग्रामवासियों को सावधान रहने को कहा गया है वन परिक्षेत्र अधिकारी का कहना है कि हाथी जरूर काफी चिंघाड़ रहे हैं मगर जब तक कोई ग्रामीण उनके पास जाने का प्रयास ना करें तब तक कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे फिलहाल खेतों को कोई नुकसान नहीं हुआ है क्योंकि हाथी जंगल में है यह हाथी संभवत बांध की ओर रुख कर रहे हैं।

छुरा से महज 13 किलोमीटर दूर है हाथियों का दल- सरपंच

लक्ष्न कुमार नेताम
सरपंच

वही इस संबंध में हाथियों को देखने वाले चरोदा के सरपंच लक्ष्न कुमार नेताम का कहना है कि हाथी पुरिया डी बांध के आसपास मंडरा रहे हैं अभी पूरा मुख्यालय से करीब 13 किलोमीटर दूर है महासमुंद क्षेत्र में के जंगल में बांध और पानी की व्यवस्था जादी अच्छी है के जंगल में पानी की व्यवस्था ज्यादा अच्छी है के जंगल में पानी की व्यवस्था जादी अच्छी है इसलिए ऐसी संभावना है कि हाथी वापस उस इलाके में चला जाएगा अभी आसपास के ग्रामीण डरे हुए हैं कि हाथी आक्रामक ना हो वैसे तेंदूपत्ता का सीजन खत्म हो गया है इसलिए जंगल में लोगों की आवाजाही कम है खतरा कम है लेकिन फिर भी इस क्षेत्र के लोगों को हाथी के व्यवहार के बारे में पता नहीं होने के चलते आमना सामना होने पर विपरीत परिस्थिति बन सकती है वन विभाग के कर्मचारी लोगों को सचेत करने में लगे हुए हैं लेकिन इतना काफी नहीं है हाथियों को वापस जिले की सीमा से बाहर करने का प्रयास होना चाहिए।

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