CIN न्यूज़ रूम : आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी ज़िले में एक बाल विवाह का मामला सामने आया है। द हिन्दू की ख़बर के मुताबिक़ राजामहेंद्रवरम के एक जूनियर कॉलेज के क्लासरूम में ये शादी की जा रही थी जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पुलिस ने बाल विवाह अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारियों का कहना है कि ये शादी क़ानूनी तौर पर अवैध और अमान्य है और लड़का-लड़की दोनों की काउन्सलिंग की गई है। पुलिस जाँच कर रही है कि किसने क्लासरूम में इन दोनों नाबालिग़ों की “शादी” करवाई। 17 साल के नाबालिग़ लड़के ने लड़की को मंगलसूत्र पहना कर माँग भरी और फिर दोनों ने फ़ोटो खिंचाए।
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दोनों को ट्रांसफ़र सर्टिफ़िकेट देकर कॉलेज से नाम हटा दिया
बताया जा रहा है कि वहाँ मौजूद एक और नाबालिग़ लड़की ने इस घटना का वीडियो बनाया और अपने दोस्तों को भेजा। इस घटना के पता चलने के बाद कॉलेज के प्रशासन ने इन दोनों को ट्रांसफ़र सर्टिफ़िकेट देकर कॉलेज से नाम हटा दिया है। आंध्र प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष वसीरेड्डी पद्मा ने बताया कि ये दोनों नाबालिग़ क्लासमेट हैं।
लड़की के अभिभावकों ने घर आने से मना किया
उन्होंने बताया, “लड़की के अभिभावकों ने उसे घर आने से मना कर दिया है। लड़की को ‘वन स्टॉप सेंटर’ में काउन्सलिंग के लिए भेजा गया है। महिला आयोग के सदस्यों ने लड़के के अभिभावकों से भी बात की है और उनकी भी काउन्सलिंग की है।” उन्होंने ये भी कहा कि महिला आयोग नाबालिग़ लड़की के रहने की व्यवस्था करेगा। इस बीच राजामहेंद्रवरम की पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया, “हम दोनों नाबालिग़ों का, उनके परिवार वालों का और कॉलेज प्रशासन का बयान लेंगे। मामले से जुड़े लोगों को पुलिस बाल विवाह के नतीजों से अवगत करवाएगी।”
छात्रों में क़ानून को लेकर जानकारी की बहुत कमी
महिला आयोग की निदेशक आर सयूज़ ने कहा, “क्लासरूम में शादी की इस घटना से पता चलता है कि छात्रों में क़ानून को लेकर जानकारी की बहुत कमी है। बाल विवाह, पोक्सो एक्ट और शिक्षा का अधिकार क़ानून को लेकर महिला आयोग कॉलेज और विश्वविद्यालयों में जागरूकता अभियान चला रहा है।”