रायपुर: छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच आनन-फानन में दिल्ली गए विधायकों को निराशा हाथ लगी है। छत्तीसगढ़ से दिल्ली पहुंचकर राहुल गांधी से मुलाकात करने की इच्छा प्रदेश कांग्रेस के विधायकों की अधूरी बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ का निमंत्रण देने पहुंचे कांग्रेस के विधायकों को बिना मिले ही वापस लौटना पड़ रहा है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर सियासत जारी है। इसी बीच छत्तीसगढ़ के लगभग 15 विधायक आनन-फानन में दिल्ली पहुंच गए और प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से बात कर राहुल गांधी से मुलाकात करने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने दिल्ली आने का मकसद राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे के साथ-साथ जिले के विकास कार्यों की चर्चा को लेकर बताया जा रहा था। वहीं, छत्तीसगढ़ के इन विधायकों के दिल्ली जाने के बाद प्रदेश में राजनीति जमकर गरमाने लगी है।
लंबे समय से छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बीच विधायकों का दिल्ली पहुंचना राहुल गांधी से अपने चहेते नेता को मुख्यमंत्री के लिए समर्थन की ओर इशारा कर रहा था। बहरहाल राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे इन विधायकों की मुलाकात नहीं हो पाई है और आखिरकार इन विधायकों को वापस खाली हाथ छत्तीसगढ़ लौटना पड़ रहा है।
विधायकों ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि हम यहां राहुल गांधी से वक्त मांगने आए हैं। अपने छत्तीसगढ़ के प्रस्तावित दौरे के दौरान हमारे क्षेत्र में भी आएं। साथ ही कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा था कि भूपेश बघेल के साथ 60 विधायकों का समर्थन है। ऐसे में कहीं से भी सरकार अस्थिर नहीं है।