फारूक मेमन
गरियाबंद–प्रदेश के स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टी एस सिंह देव ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर के पंचायत प्रतिनिधियों से कोरोना वायरस के खतरे गांव को बचाव के उपाय बाहर से आने वाले मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किए जाने की व्यवस्थाओं के अलावा कई विषयों पर विस्तृत चर्चा की एवं कई नए निर्णय लिए वारेन टाइम किए जाने के दौरान आने वाली समस्याओं की स्थिति भी स्पष्ट हुई और किन समस्याओं के क्या हल करने हैं इस पर कई निर्णय हुए इस अवसर पर मंत्री के साथ स्वास्थ्य तथा पंचायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे जिन्होंने कई समस्याओं के हल बताएं गरियाबंद जनपद पंचायत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंचायत मंत्री से जुड़ने वालों में जनपद अध्यक्ष लालिमा पारस ठाकुर उपाध्यक्ष प्रवीण यादव सरपंच संघ अध्यक्ष मनीष ध्रुव जनपद सदस्य सफीक खान के साथ विशेष रुप से जनपद सीईओ श्री सिदार तथा 25 से अधिक गांवों के सरपंच मौजूद रहे और डेढ़ घंटे तक चली विस्तृत परिचर्चा में हिस्सा लिया जिसमें मंत्री के साथ बैठे अधिकारियों ने भी कई सवालों के जवाब भी देते रहे
कोरोना के खतरे से निपटने दिए कई महत्वपूर्ण निर्देश
मंत्री ने साफ कहा कि बीमारी से लड़ना है बीमारों से नहीं जो बाहर से आ रहे हैं वह हमारे परिवार के ही हैं लेकिन उन्हें गांव में प्रवेश नहीं देना है सीधे क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने 14 दिन बिताने के बाद ही उन्हें वहां से बाहर निकलने देना है इस दौरान उनके भोजन के लिए किस किस तरह से व्यवस्था की जाएगी इस पर भी विस्तृत चर्चा हुई वहीं इन लोगों की व्यवस्थाओं में जुटे पंचायत के अमले तथा जनप्रतिनिधियों तख्त भी बीमारी का संक्रमण न फैले इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय बरतने के निर्देश दिए गए दूरी 1 मीटर से बढ़ाकर 2 मीटर रखने को कही गई वहीं इनके सीधे संपर्क में नहाते हुए हर चीज का उपाय निकालने पर निर्णय हुआ मंत्री ने साफ कहा कि सूरजपुर के अनुभव अच्छे नहीं रहे वहां बाहर से आने वाले कुछ मजदूरों के कारण बाकी क्वॉरेंटाइन मजदूरों को भी समस्या आई और हमारे पंचायत सचिव और अमले को भी ऐसा प्रदेश में और कहीं ना हो इसका पूरा ध्यान रखना पड़ेगा बड़ी संख्या में हमारे मजदूर भाई बाहर से आ रहे हैं किसी में यदि संक्रमण निकल भी जाता है तो उसे ठीक करने की पूरी व्यवस्था प्रदेश शासन के पास है मगर इस बात का ध्यान हमें रखना होगा कि बीमार व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति और लोगों को संक्रमित ना करें इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों ने एक महत्वपूर्ण सवाल यह पूछा कि जो मजदूर क्वॉरेंटाइन सेंटर में है उनमें से यदि एक भी पॉजिटिव मरीज है तो वह बाकी लोगों को भी संक्रमित ना करें इसके लिए क्या व्यवस्था है जिस पर मंत्री के साथ बैठे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर के अंदर भी मजदूरों को आपस में भी सोशल डिस्टेंसिंग रखने को कहा गया है वे आपस में अगर दूरी बनाए रखेंगे तो एक दूसरे की बीमारी फैले कि नहीं मंत्री ने हाथ धोने के महत्व को बताते हुए कहा कि अगर हम हर एक डेढ़ घंटे में हाथ धोते रहेंगे तो कोरोना समेत और कई बीमारी भी हमें नहीं होगी इससे हमारा बचाव होगा
क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्थाओं पर स्थितियां हुई स्पष्ट
मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भले ही लाकडाउन कुछ समय में खत्म हो जाए मगर कोरोनावायरस का खतरा अगले 6 महीने तक बना रहेगा अब सोशल डिस्टेंसिंग शब्द ना रहकर शारीरिक दूरी शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा और शारीरिक दूरी बनाकर रखी जाएगी वारंटी इन किए गए लोगों के राशन व्यवस्था के विषय में एक जनप्रतिनिधि ने ने एक नया सुझाव देते हुए कहा कि जो मजदूर अंदर है जो मजदूर अंदर है यदि उनका राशन कार्ड है तो उसके हिस्से का राशन सोसाइटी से क्वॉरेंटाइन सेंटर उस मजदूर के लिए भिजवाया जा सकता है अंदर की मॉनिटरिंग के लिए एक निर्णय लिया गया है कि हर क्वॉरेंटाइन सेंटर के हर कमरे का एक-एक होशियार मजदूर को मॉनिटर तय करना पड़ेगा जो वारंट इन सेंटर के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य नियमों का पालन कराएं हर क्वॉरेंटाइन सेंटर की जियो टैगिंग करना अनिवार्य है आश्रम छात्रावास पोटा केबिन जैसे भवन को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया हैएक विशेष बात यह ध्यान रखनी है कि वैलेंटाइन सेंटर के अंदर के मजदूरों के कपड़े वही अंदर ही धुलेंगे बाहर तालाब आदि कपड़े धोने नहीं पहुंचेंगे ऐसे में पूरे तालाब के पानी में वायरस फैल सकता है वारंटी सेंटर के भीतर भी रेड जोन ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन के तहत अलग-अलग कमरों में अलग-अलग जून से आए लोगों को रोकना है ताकि संक्रमण का खतरा कम किया जा सके मंत्री ने बाहर से आने वाले मजदूरों के क्वॉरेंटाइन सेंटर से बाहर निकलने के बाद मनरेगा हेतु उनके भी जॉब कार्ड बनाने के निर्देश दिए ताकि भविष्य में उन्हें काम के लिए बाहर जाना ना पड़े।