वन कर्मचारियों ने निकाली रैली, 12 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

वेतन विसंगति समेत 11 सूत्रीय मांग का ज्ञापन सौंपा

गरियाबन्द–वेतन विसंगति समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के सैकड़ों कर्मचारियों ने आज रैली निकाली वन मंडल अधिकारी कार्यालय में विरोध करते हुए, मुख्यमंत्री और वन मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और ध्यानाकर्षण करवाया कर्मचारियों ने 12 अक्टूबर तक मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है

जिला अध्यक्ष डोमार सिंह कश्यप एवं कर्मचारी नेता देवेंद्र तिवारी ने मांगों के संबंध में बताया कि अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में छोटे वन कर्मचारियों की तनख्वाह कम है वेतन विसंगति दूर की जाए, इन कर्मचारियों ने बताया कि बीते 6 साल से संबंध में मांग कर रहे हैं सेटअप पुनः निरीक्षण के संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा 2013 में वन विभाग के मैदानी संरचना के समस्त पदों का सेटअप पुनर निरीक्षण किए जाने संबंधित प्रस्ताव प्रेषित किया था जिसमें वित्त विभाग द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध करा दी गई है किंतु सेटअप पुनरीक्षण नहीं हुआ है

पदनाम वर्दी संबोधित पदनाम एवं अन्य पहचान चिन्ह का निर्धारण किया जाए तथा वन कर्मचारियों को पौष्टिक आहार भत्ता तथा महाराष्ट्र सरकार की तरह ₹5000 वर्दी भत्ता का प्रावधान किया जाए। लघु वनोपज संघ के कार्य हेतु एक माह का अतिरिक्त वेतन दिए जाने का प्रावधान किया जाए क्योंकि तेंदूपत्ता खरीदी के समय काफी अधिक काम करना होता है अनुकंपा नियुक्ति निर्धारित 10% का शिथिलीकरण किया जाए। पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। धारा 197 का पालन करने हेतु स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किया जाए। वनरक्षक के वेतनमान 2750 से 3050 का विभागीय भर्ती नियम में 2003 से प्रावधान किया जाए। वर्ष 2019 में उप वन क्षेत्रपाल से वन क्षेत्रपाल पर पदोन्नति आदेश जारी किया जाए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए।


कर्मचारी नेता देवेंद्र तिवारी ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारियों को कई तरह के कार्य करने होते हैं संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील क्षेत्र में जान का जोखिम लेते हुए बिना किसी हथियार के अपने कर्तव्य का पालन करना होता है अवैध उत्खनन कटाई शिकार पर नियंत्रण रखना होता है वन्य प्राणी एवं वन्य भूमि का संरक्षण करना होता है सड़क तालाब चेक डैम आदि का निर्माण कार्य करना होता है तेंदूपत्ता एवं वनोपज संग्रहण एवं भंडारण की व्यवस्था देखनी होती है नर्सरी कार्य का संपादन एवं पौधारोपण विकास कार्य की व्यवस्था करनी होती है कष्ट दौरा एवं समय-समय पर आयोजित प्रशिक्षण लेना होता है जन समुदाय से संपर्क स्थापित करना जीपीएस संचालन के साथ-साथ 24 घंटा कार्य पर कभी भी उपस्थित होना पड़ता है उपरोक्त कार्यों के लिए कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन और भत्ते अन्य राज्यों से कम है जिन्हें उनके बराबर करना चाहिए।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से डोमार कश्यप, दुर्गा दीक्षित, दिनेश पात्र, फ़िरोज़ खान, गीतेश यदु, देवेंद्र तिवारी, सरस्वती साहू, भावेश यादव, गुंजा ध्रुव,एवं 100 से अधिक गरियाबंद जिला के वन कर्मचारी शामिल हुए

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