वन कर्मचारियों को दतैल हाथी ने दौड़ाया, गांव में घुसने से रोकते समय बने हालात

फिंगेश्वर के सोरिद गांव के भुंजियापारा की घटना

फिर पहुंचा 21 हाथियों का दल

गरियाबंद– फिंगेश्वर क्षेत्र के सोरिद गांव में दतैल हाथी को भुंजिया पारा में घुसने से रोकते समय वन कर्मचारियों को दतैल हाथी ने दौड़ाया इस दौरान कर्मचारी भाग कर वाहन में शरण लेते नजर आए।

हाथियों को शायद फिंगेश्वर क्षेत्र का जंगल पसंद आ गया है इसलिए हाथी अपने रिहायशी इलाके में पहुंच जाने के बाद एक बार फिर फिंगेश्वर के जंगल में लौट आए हैं। 21 हाथियों का झुंड पुनः फुलझर बेलर खुरसा मैं लौट आया है हम आपको बता दें कि लगभग 10 दिन पहले ही यह झुंड यहां से महासमुंद जिले में गया था किंतु अब पुनः इस इलाके के जंगल में वापस आ गया हाथियों के आने से इलाके के लोग काफी चिंतित है विशालकाय वन्य जीव के व्यवहार से यहां के लोग परिचित नहीं है जिसके चलते काफी डरे हुए हैं वन विभाग हाथियों को लोगों से दूर रखने प्रयास कर रहा है साथियों को गांव में घुसने से रोकने में वन कर्मचारी जुटे हुए हैं मगर एक दतेल हाथी इससे उग्र होकर वन कर्मचारियों को दौड़ाता नजर आ रहा है।

गरियाबंद जिले का जंगल एक बार फिर हाथियों का पसंदीदा इलाका बनते नजर आ रहा है 3 माह पहले 21 हाथियों का झुंड यहां पहुंचा लगभग 20 दिन गरियाबंद जिले में बिताने के बाद हाथियों का यह दल धमतरी कांकेर जिले की ओर निकल गया 2 महीने बाद लौटा तब इसने गरियाबंद के बारूका गांव से से होते हुए जतमई के बाद फिंगेश्वर इलाके के जंगल में अपना बसेरा बनाया और लगभग 18 दिन यहां बिताए इस दौरान एक मादा हाथी ने बच्चे को जन्म भी दिया जिसके बाद हाथी महासमुंद जिले की ओर निकल गए महासमुंद जिले के जंगल में कई इलाके ऐसे हैं जहां हाथियों ने अपना आवाज बीते 5 सालों से बनाया हुआ है मगर अब इन हाथियों को शायद गरियाबंद जिले का जंगल पसंद आ गया है यही कारण है कि हाथी वापस गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर इलाके के गनियारी बांध के आसपास के इलाके में वापस लौट आए हैं फुलझर बेलर समेत आसपास के 7 गांवों में हाथियों की मौजूदगी के चलते वन विभाग अलर्ट पर है ग्रामीणों को जंगल ना जाने के लिए मुनादी कराई गई है और हाथियों के दल पर वन विभाग निगरानी बनाए हुए हैं इसके लिए गजराज वाहन भी इलाके में मौजूद है वही चंदा हाथी के गले में लगे रेडियो कॉलर से हर 6 घंटे में हाथियों के लोकेशन का जीपीएस इमेज वन विभाग को मिल रहा है कुल मिलाकर गजराज दल के नए इलाके में पहुंचने से इस इलाके के लोग काफी चिंतित हैं उन्हें डर है कि हाथी इस क्षेत्र को अपना स्थाई बसेरा ना बना ले ग्रामीण इसलिए भी डरे हुए हैं क्योंकि उन्हें हाथी के व्यवहार के बारे में जरा भी जानकारी नहीं है और इसके चलते आमना-सामना होने पर हाथी किस कार्य की क्या प्रतिक्रिया करेगा इसे लेकर ग्रामीण डरे हुए है।

कल से पहुंचे हाथी दल के चलते वन विभाग भी काफी चिंतित है और हाथियों को लोगों से दूर रखने प्रयास करने की बात कह रहा है वन कर्मचारी लगातार हाथी को आबादी क्षेत्र और गांवों में घुसने से रोकते नजर आ रहे हैं वहीं जो तस्वीरें वायरल हो रही है उसमें 1 हाथी आक्रामक नजर आ रहा है एक दतल हाथी को गांव में घुसने से रोकने के प्रयास के बीच वन कर्मचारियों को कुछ सेकंड के लिए दौड़ता भी नजर आ रहा है।

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