नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर मंडरा रहे खतरे के बीच बड़ी जानकारी सामने आई है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक रविवार की शाम कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात बीजेपी के बड़े नेताओं से हुई है. इस मुलाकात में सिंधिया को राज्यसभा भेजने के फॉर्मूले पर सहमति बनी है. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक सिंधिया केंद्र में कैबिनेट मंत्री का पद भी चाहते हैं. अब सवाल ये है कि क्या सिंधिया का कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है?
एक तरफ जहां कांग्रेस लगातार बीजेपी पर सरकार को गिराने के लिए तमाम हथकंडे अपनाने का आरोप लगा रही है. ऐसे समय में सिंधिया का बीजेपी के नेताओं से मिलने की घटना सियासी रूप से बेहद अहम हो जाती है. कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश में सियासी रूप से जो कुछ भी हो रहा है उसके पीछे की वजह राज्यसभा चुनाव है. कांग्रेस और बीजेपी के लिए ये साख का विषय बन गया है.
बीजेपी ला सकती है अविश्वास प्रस्ताव
उधर सिंधिया खेमे के बताए जाने वाले कई मंत्री बेंगलुरू पहुंच गए हैं. कुल छह मंत्रियों समेत 17 विधायक बेंगलुरू पहुंच चुके हैं. माना जा रहा है कि 16 मार्च से शुरू होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन ही बीजेपी कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी और इन विधायकों की मदद से अविश्वास प्रस्ताव को पास करवाकर कमलनाथ सरकार को गिरा दिया जाएगा.
मध्य प्रदेश का अंकगणित समझिए
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से फिलहाल दो खाली हैं. इस तरह मौजूदा समय में राज्य में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 बीजेपी, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी के विधायक शामिल हैं. कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और समाजवादी पार्टी का समर्थन है.