मेडिकल कॉलेज में मरीज को दुसरे ग्रुप का ब्लड चढ़ाया: जानिए आगे क्या हुआ

राजनांदगांव:

मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि इलाज के दौरान मरीज को दुसरे ग्रुप का ब्लड चढ़ा दिया गया, जिसकी वजह से मरीज की किडनी खराब हो गई है। परिजनों ने इसकी शिकायत अफसरों से की है।

यह घटना राजनांदगांव के मेडिकल कॉलेज की है, जहां नंदई निवासी ईश्वरलाल देवांगन को 8 अप्रैल को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने खून की कमी बताया और रक्त जांच के लिए सेन्ट्रल लैब भेजा। खून जांच के बाद नर्स ने उसे ऐबी पॉसिटिव ग्रुप का 2 यूनिट खून चढ़ा दिया। इसके बाद भी मरीज कि तबियत मे कोई सुधार नहीं आया, फिर परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के ही एक डॉक्टर के सरकारी आवास में मरीज को दिखाया। जांच के बाद डॉक्टर ने उसे एक माह कि दवा लिख दी। इसके बाद भी मरीज कि तबियत मे कोई सुधार नहीं दिखा। डॉक्टर के पास दोबारा जाने पर उन्होंने फिर नयी दवाइयां लिख दीं। तबियत मे लगातार सुधार ना होने से परेशान परिजनों ने एक अन्य डॉक्टर से इलाज करवाया। उन्होंने खून की जांच समेत कई अन्य प्रकार की जांच की सलाह दी।

जांच रिपोर्ट मे पता चला कि मरीज कि किडनी खराब हो गई है। इसके बाद से भिलाई के अस्पताल में मरीज का लगातार डायलसिस कराया जाता था, फिर उसे यह कहकर डिस्चार्ज कर दिया गया कि हर पांचवे दिन डायलिसिस कराना होगा। अब तक डायलिसि कराकर परेशान हो चुके परिजन फिर उसी मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचे। इस बार जब रक्त जांच कराया गया तो वहां मरीज का ब्लड ग्रुप बी-पॉसिटिव बताया गया। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया।

मरीज ईश्वरलाल देवांगन कि पत्नी अहिल्याबाई ने इसकी शिकायत कलेक्टर एसपी और सीएमएचओ से की है। परिजनों का आरोप है कि सरकारी डॉक्टरों और लैब कर्मचारियों की लापरवाही के कारण दुसरे ब्लड ग्रुप का रक्त चढ़ाया गया और अब इन्फेक्शन के कारण किडनी खराब हो गई है। शिकायत में प्रभारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है साथ ही लापरवाही के कारण हुई आर्थिक क्षति की जिम्मेदारों द्वारा भरपाई कि मांग भी की है।

पूरे मामले मे मेडिकल कालेज अधीक्षक प्रदीप बैग ने जानकारी ना होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि- एक ही व्यक्ति के दो अलग ब्लड ग्रुप होना जांच का विषय है।

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