रायपुर:
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आज नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के विषय पर आयोजित कार्यशाला में बड़ी घोषणा करते हुए स्वच्छता दीदियों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की। अब तक स्वच्छता दीदियों को कुल पांच हजार रूपए प्रति माह की मानदेय राशि प्राप्त होती थी। अब इसे छह हजार रूपए प्रति माह की बढ़ी हुई दर से मानदेय प्रदान किया जाएगा। इससे प्रदेश की दस हजार स्वच्छता दीदियों को सीधा लाभ मिलेगा।
ज्ञात हो कि प्रदेश के 166 नगरीय निकायों में दस हजार स्वच्छता दीदियों के माध्यम से प्रतिदिन घर घर से गीले-सूखे कचरे को एकत्रित किया जाता है। इन्हीं दीदियों के प्रयास के कारण मार्च महीने में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को पुरस्कृत किया गया था।
इसके साथ मुख्यमंत्री ने आज नगर पालिक एवं पंचायतों के अध्यक्षों को पुनः वित्तीय अधिकार प्रदत्त किए जाने की घोषणा की।
विकास कार्यों हेतु बड़ी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रत्येक नगर निगम को आबादी एवं आवश्यकता के अनुसार 5 से दस करोड़ रुपए, 44 नगर पालिकाओं हेतु एक-एक करोड़ एवं 111 नगर पंचायतों हेतु 50-50 लाख रुपए प्रदान किए जाने की घोषणा की। जल संरक्षण हेतु गंभीर मुख्यमंत्री ने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग हमारे लिए नई चीज नहीं है, हमारे पुरखे भी गुजरात और राजस्थान में पानी का संरक्षण करते थे। सबसे अच्छा जल संरक्षण का उदाहरण पोरबंदर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के घर में है। उनके घर में छत का पानी घर के आंगन में बने कुंए में एकत्र किया जाता था।