नई दिल्ली/लखनऊ
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। फैसले के अनुसार राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ़ हो गया है. ज़मीन राम जन्मभूमि न्यास को मिलेगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है की तीन माह के अंदर ट्रस्ट बनाया जाये. वहीँ दुसरे पक्ष यानि सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ ज़मीन उपलब्ध करवाने का निर्देश भी शासन को दिया है.
सुबह से अभी तक सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़ी हर जानकारी यहाँ देखें :-
- – अयोध्या में रामलला का जीत। अयोध्या में राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ।
- – सुप्रीम कोर्ट ने विवादित स्थान पर माना रामलला का दावा। अर्थात मंदिर बनने का रास्ता साफ।
- – राम जन्मभूमि न्यास को मिलेगी जमीन।
- – सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाने के निर्देश।
- – सुन्नी पक्ष में विवादित स्थान को मस्जिद घोषित करने की मांग की।
- – केन्द्र सरकार बनाएगी ट्रस्ट। तीन माह में ट्रस्ट बनाए सरकार।
- – जमीन पर रामलाल का दावा बरकरार
- – मुस्लिमों को दूसरी जगह देने का आदेश।
- – विवादित ढांचा गिराना कानून को तोड़ने जैसा।
- – सुन्नी पक्ष में विवादित स्थान को मस्जिद घोषित करने की मांग की है।
- – जमीन के 3 हिस्से किए जाने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसलो को सही नहीं माना।
- – हर मजहब के लोगों को बराबर सम्मान संविधान ने दिया है।
- – दिसंबर 1949 तक हर शुक्रवार को होती थी नमाज।
- – बाहरी अहाते में 1885 तक हिन्दू पूजा करते थे।
- – मुस्लिम और हिन्दू पक्ष का दावा एक जैसा।
- – मुस्लिम पक्ष के पास जमीन पर विशेष कब्जा नहीं।
- – यात्रियों के वृत्तांत और पुरातात्विक सबूत हिन्दुओं के पक्ष में।
- – मुस्लिम जमीन पर अपना एकाधिकार साबित नहीं कर पाए।
- – मुस्लिम पक्ष कब्जा साबित करने में नाकाम।
- – अंग्रेजों के समय (18वीं सदी तक) तक नमाज का कोई सबूत नहीं।
- – मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने का जिक्र नहीं। कानूनी आधार पर होगा मालिकाना हक का फैसला।
- – न्यायालय ने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार विवादित भूमि सरकारी है।
- – हिन्दुओं की आस्था गलत होने के कोई प्रमाण नहीं।
- – आस्था और विश्वास के आधार पर फैसला नहीं।
- – सीता रसोई, सिंहद्वार और वेदी का जिक्र।
- – अंग्रेजों ने दोनों हिस्से अलग रखने के लिए रेलिंग बनाई थी।
- -खुदाई में जो मिला वह इस्लामिक ढांचा नहीं। एएसआई ने मस्जिद और ईदगाह का जिक्र नहीं किया।
- -रिपोर्ट में 12वीं सदी का मंदिर होने का जिक्र।
- -आस्था और विश्वास कोई विवाद नहीं हो सकता।
- -हिन्दु्ओं की आस्था है कि अयोध्या में राम का जन्म हुआ था।
- -जमीन पर विवाद का फैसला कानूनी आधार पर।
- -अयोध्या में राम के जन्म के दावे का विरोध किसी ने भी नहीं किया।
- -एएसआई यह नहीं बता पाया कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी।
- -हिन्दू पक्ष ने राम से जुड़े ऐतिहासिक ग्रंथों के पक्ष रखे।
- -हिन्दू आस्था गलत होने का कोई प्रमाण नहीं।
- – खुदाई में जो मिला वह इस्लामिक ढांचा नहीं। एएसआई ने मस्जिद और ईदगाह का जिक्र नहीं किया।
- – रिपोर्ट में 12वीं सदी का मंदिर होने का जिक्र।
- – खुदाई में मिले सबूतों को अनदेखा नहीं कर सकते।
- – एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में मंदिर होने की बात कही थी।
- – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला पारदर्शिता के साथ हुआ।
- – बाबरी मस्जिद खाली जमीन नहीं बनी थी।
- – पुरातात्विक साक्ष्यों का मूल्यांकन करने की जरूरत।
- – निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा निर्मोही अखाड़ा सेवादार नहीं है।
- – गोगोई ने कहा- फैसले में 30 मिनट का समय लूंगा।
- – 22 दिसंबर 1949 को मूर्तियां रखी गईं-जज
- – मस्जिद कब बनी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
- -चीफ जस्टिस ने कहा- शांति बनाए रखें। फैसले की कॉपी काफी मोटी बताई जा रही है।
- -फैसले की कॉपी कोर्ट में लाई। फैसले कॉपी पर जजों ने किए हस्ताक्षर।
- -शिया-सुन्नी मामले में शिया बोर्ड की याचिका खारिज।
- – फैसले की कॉपी कोर्ट नंबर 1 में लाई गई।