भावुक हो गया मंजर, जब कोरोना मरीजों को पीपीई किट पहनी स्टाफ नर्सों बहनों ने बांधी राखियां

गरियाबंद कोविड-19 हॉस्पिटल में दिखा नजारा

रक्षाबंधन पर छलका भाई-बहन का दर्द,

अस्पताल प्रबंधन का मरीजों को सरप्राइज

गरियाबंद :- जिले के कोविड-19 अस्पताल में कोरोना मरीजों के बीच आज माहौल उस वक्त भावुक हो गया,जब अस्पताल में कोरोना मरीजों की देखभाल करने वाली महिला मेडिकल स्टाफ पीपीटी पहन कर हाथों में राखी,मिठाई की थाली सजाकर अचानक वार्ड में पहुंची।सभी नर्सों एवं महिला कोरोना मरीज ने अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांघे और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया तथा उनके जल्द स्वस्थ होने की ईश्वर से कामना की। गरियाबंद कोविड अस्पताल में भर्ती 8 मरीजों की कलाइयों पर आज नर्सों ने राखी बांधकर रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार मनाया। सिस्टर मिथिलेश ध्रुव, सिस्टर मालती व एक महिला पॉजिटिव मरीज माधुरी खुंटे ने अस्पताल में मौजूद सभी कोरोना मरीजों को रक्षाबंधन पर बहनों की कमी महसूस नहीं होने दी।अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती सभी मरीज अस्पताल प्रबंधन की इस भावनात्मक पहल पर भावुक हो गए।कोविड अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने बताया कि सभी ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से बातचीत के दौरान ही इस रक्षाबंधन पर अपने घर नहीं जा पाने और बहनों से राखियां नहीं बंधवा पाने के दर्द को पहले ही महसूस कर लिया था। मरीजों की भावनाओं और इस पर्व पर बहनों को बहुत मिस करने की बात जानकर जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ एन नवरत्न तथा कोविड-19 अस्पताल के इंचार्ज जय पटेल ने अस्पताल में ही रक्षाबंधन मनाकर भर्ती मरीजों को कोरोना के इस संक्रमण काल में सरप्राइज देने की छूट दी

सभी ने खुशी -खुशी अपनी कलाइयां आगे कर नर्सों से राखियां बँधवाई, अपनी बहनों को याद किया।कोविड-19 हॉस्पिटल के इस पहल पर वहां भर्ती मरीज पुरंदर वर्मा ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन अस्पताल में हाथों की कलाइयां राखियों से भरी होने पर उन्हें बहुत मानसिक संतोष मिला है।कोरोना पॉजिटिव होने के कारण इस अस्पताल में भर्ती मरीजों को वैसे भी घर परिवार की याद सता रही है, रक्षाबंधन जैसे पर्व पर वे अपनी बहनों की कमी महसूस कर रहे थे। उनका कहना है कि अस्पताल की नर्सों ने इस त्यौहार को कोरोना महामारी दौर में भी यादगार बना दिया है, हमें आज कोरोना वारियर्स के रूप में बहादुर बहने मिली है।मरीजों ने भावुक होकर कहा कि कोविड अस्पताल में घर जैसा माहौल है और शायद इसी कारण इस अस्पताल से कोई भी मरीज अभी तक मौत के गाल में नहीं समाया है, सभी मरीज जल्दी जल्दी ठीक होकर वापस लौट रहे हैं।
कोविड अस्पताल में करने वाली नर्सों ने बताया कि वे भी अपनी ड्यूटी के कारण रक्षा बंधन पर भाइयों को राखी बांधने घर नहीं जा पा रही हैं। साल भर के त्यौहार पर घर ना जा पाना और भाइयों को राखी नहीं बांध पाने का मलाल उनके भी मन में था।

मरीज ने सोशल मीडिया में साझा की तस्वीरें


वहां भर्ती होकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे मरीज पुरंदर वर्मा ने इसे सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कहा कि “इस वर्ष का रक्षाबंधन सदैव अविस्मरणीय एवं चिरस्थायी रहेगा। मेरी कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद विगत एक सप्ताह से कोविड हॉस्पिटल गरियाबंद में स्वास्थ्य लाभ ले रहा हूँ जिसके चलते घर जाना या बहनों का मुझसे संपर्क संभव नहीं हो पाया। आज कोविड हॉस्पिटल गरियाबंद की नर्सेस बहनों श्रीमती मिथिलेश ध्रुव, मालती दीदी एवं एक अन्य कोरोना पॉजिटिव बहन माधुरी खुंटे ने भाई-बहन के अप्रतिम प्रेम के इस प्रतीक पर्व पर अपनी बहनों की रिक्तिता की अनुभूति नहीं होने दी और इस पावन पर्व पर रक्षासूत्र बांधकर इस व्याधि से संत्रस्त न होकर शीघ्र रुग्णता से निरुग्ण होने की कामना की। मैंने भी उनके शीघ्र स्वस्थ होने एवं उनकी रक्षा और सम्मान का वचन दिया व नर्सेस बहनों को उनके सेवाभावी कार्यों के लिए आल्हादित हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया।”

क्या कहते हैं अधिकारी

डॉक्टर एन नवरत्न
जिला चिकित्सा अधिकारी
गरियाबंद
डॉक्टर जय पटेल
प्रभारी चिकित्सक
कोविड-19 हॉस्पिटल गरियाबंद

वही इस संबंध में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एन नवरत्न तथा अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर जय पटेल का कहना है कि बहने अस्पताल में मरीज के रूप में मौजूद अपने भाइयों को राखी नहीं बन सकती वही स्टाफ नर्स भी बाहर अपने भाई को राखी बांधने अपने कर्तव्य के कारण नहीं जा पाई इसलिए हमने अस्पताल में ही पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाने की छूट दी कोरोना से लड़ाई में मानसिक शक्ति काफी महत्व रखती है ऐसे में रक्षाबंधन पर राखी नहीं बंधवा पाने का गम मरीजों को ना रहे इस लिहाज से भी यह काफी महत्व रखता है

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