तहसील कार्यालय के गेट पर किसान आंदोलन

वन अधिकार वाले किसानों को धान बेचने पंजीयन में आ रही परेशानी से है नाराज

गरियाबंद- गरियाबंद में किसानों ने आंदोलन किया है तहसील दफ्तर के गेट पर किसान आधे घंटे नारेबाजी करते रहे इसके बाद प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है।

दरअसल वन अधिकार पत्र प्राप्त खेतों पर उगाई गई फसल बेचने के लिए किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है जिसे लेकर किसान काफी परेशान है पिछले साल इन किसानों ने सरकार को धन बेचा था मगर इस साल नियमों में किए गए कुछ बदलाव के चलते धान बेचने पंजीयन नहीं हो पा रहा।

किसानों ने कर्ज लेकर और बीते 3 माह कड़ी मेहनत कर फसल उगा ली है अब जब फसल काट रहे हैं तब धान बेचने पंजीयन नहीं हो रहा ऐसे में इन किसानों के सामने बड़ा संकट आकर खड़ा हो गया है

किसानों का कहना है कि लैंप्स तथा धान खरीदी करने वाली समिति ने हाथ खड़े कर दिए हैं राजस्व विभाग भी नियमों का हवाला दे रहा है उच्च स्तर पर बड़े अधिकारियों को ही कुछ करना होगा।

वहीं इस मामले में राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शासन स्तर पर पंजीयन के लिए अब भुईयां सॉफ्टवेयर में दर्ज खसरा नंबर आदि की इंट्री करना अनिवार्य कर दिया गया है पिछले साल यह अनिवार्य नहीं थी वही तकलीफ यह है कि जिन किसानों को वन विभाग की जमीन वन अधिकार पत्र के रूप में मिली है उनके प्रमाण पत्र में कंपार्टमेंट नंबर का उल्लेख होता है खसरा नंबर का उल्लेख नहीं होता है वही कंपार्टमेंट नंबर भूमिया सॉफ्टवेयर में अपलोड नहीं है जिसके चलते वन विभाग की जमीन जिन किसानों को वन अधिकार पत्र के रूप में मिली है उनके उगाए गए धान बेचने के लिए इस बार पंजीयन नहीं हो पा रहा है इस पर कोई निर्णय उच्च स्तर पर ही लिया जा सकता है गरियाबंद स्तर पर नहीं। आज किसान आंदोलन के अवसर पर किसान नेता चंद्रभूषण चौहान अभिमन्यु ध्रुव हरदी से नेहरू साहू रावण सिंघी जी से श्री गंगाराम सिन्हा, गीतेश साहू लखन साहू पलटन राम सेवक राम पुजारी धर्म लाल साहू अंजोर राम मोहन ध्रुव कृष्णा पटेल जालम सिंह कवर, कुमार दाऊ भागवत पटवा आदि किसान उपस्थित रहे।

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