जानिए गरियाबंद कलेक्टर क्यों उतरे खेतों में

गरियाबंद … कलेक्टर छतर सिंह डेहरे आज गिरदावरी करने स्वयं खेतों में उतरे। कलेक्टर श्री डेहरे गरियाबंद विकासखण्ड के ग्राम मरौदा में खरीफ फसल प्रविष्टि (गिरदावरी) का सत्यापन करने खेतों में पहुंचकर संबंधित राजस्व अमला से जानकारी ली। इस मौके पर उन्होंने भू-स्वामी और ग्राम पचंायत के प्रतिनिधियांे से भी चर्चा की। उनके द्वारा ग्राम मरौदा के खसरा नं. 58/01 में पड़त भूमि का सत्यापन किया गया।

रकबा सत्यापन करने कलेक्टर डेहरे खेतों में उतरे

मौके पर मौजूद पटवारी रंजीता कश्यप ने बताया कि किसान होमसिंह के खेत में इस बार फसल नहीं लिया गया है। चार एकड़ कृषि योग्य भूमि में से दो एकड़ में धान की फसल ली गई है, शेष पड़त है। कलेक्टर ने पटवारी हल्का नम्बर-9 मरौदा अंतर्गत चल रहे गिरदावरी कार्य की भी जानकारी ली। पटवारी ने बताया कि हल्का अंतर्गत 6 ग्राम शामिल है, जिसमें से 70 प्रतिशत क्षेत्र का गिरावरी कर लिया गया है। कलेक्टर ने समय-सीमा के भीतर और भू-स्वामी तथा अन्य किसानों के समक्ष गिरदावरी करने के निर्देश राजस्व अमला को दिये है। इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी श्री निर्भय साहू एवं तहसीलदार श्री राकेश साहू मौजूद थे।

जिले में 46.68 प्रतिशत गिरावरी पूर्ण

वर्तमान खरीफ फसल प्रविष्टि का सत्यापन जारी है। जिले में 46.68 प्रतिशत गिरदावरी पूर्ण हो चुका है। गरियाबंद के कुल खसरों 3 लाख 99 हजार 527 खसरों में से 1 लाख 86 हजार 328 खसरों का गिरदावरी कार्य  पूर्ण  हो चुका है। 10 हजार 537 खसरों में वर्तमान खरीफ मौसम में फसल नहीं ली गई है। शेष का सत्यापन जारी है। 

डोंगरीगांव में बांसशिल्प केन्द्र का निरीक्षण

शासन द्वारा संचालित ग्राम डोंगरीगांव में बांसशिल्प केन्द्र का कलेक्टर श्री छतर सिंह डेहरे ने आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान वहां बनाये गये बांसशिल्प वस्तुओं का अवलोकन किया गया। कलेक्टर ने बांस से बनी आकर्षक वस्तुओं जैसे- टेबल, कुर्सी, आराम कुर्सी, रेक, सेंटर टेबल, टेबल लैम्प की सराहना की। उन्होंने इसे उचित बाजार में विक्रय करने और आम लोगों तक पहुंच बढ़ाने के निर्देश दिये। ज्ञात है कि ग्राम डोंगरीगांव में हस्तशिल्प विभाग द्वारा बांसशिल्प का प्रशिक्षण देकर लोगों को आजीविका के साथ जोड़ा जा रहा है। साथ ही उनके द्वारा निर्मित वस्तुओं को उचित दर पर विक्रय भी किया जाता है। 

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